मां मेरी जिंदगी तुमसे

सच्चाई की मूर्त मेरी मां ...!!

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Manu jain
Manu jain 09 May, 2020 | 1 min read

मां तुझे इस बात की ख़बर तक नहीं कि

मुस्कुराती हो जब तुम तो होती है, रोशनी तुमसे

घर का कोना-कोना है महकता तुमसे

मेरी नज़रों से देखो तो रंगों भरी जमी है तुमसे

वैसे तो इस जहां में मैं अकेली नहीं लेकिन

होती हो साथ तुम तो मेरी खुशी है तुमसे

मां तुझे इस बात की ख़बर तक नहीं कि

मुस्कुराती हो जब तुम तो होती है, रोशनी तुमसे

श्रृंगार की जरूरत होती नहीं तुम्हे

अच्छा लगे हर लिबास तुम पर , है खूबसूरती तुमसे

सुकूं मिलता है तेरे आंचल में सोने से

सही मायने में कहूं तो होती है पूरी कमी तुमसे

तेरे साथ रहकर हुआ है हर पल बेहतर

शायद कुछ सीख कर आयी है , ज़िन्दगी तुमसे

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