गूंगी प्रेम कथा (भाग २)

कहानी का उद्देश्य है "कमियां"

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Manu jain
Manu jain 01 Apr, 2020 | 1 min read

राहुल अगले दिन फिर जल्दी उठकर मंदिर जाने लगता हे आज वो कल से भी जल्दी पहुँच गया था

फूल वाली अम्मा उसे देख के मुस्कुरा देती है वे कहती है - "प्यार आपसे वो भी करवा देता है जो आपने कभी नहीं किया हो " और उसके हाथ में फूल दे कर कहती है जा भोले बाबा को चढ़ा आ वो तेरी हर इच्छा पूरी करेगा "

राहुल जल्दी से मंदिर जा कर वापस आता है और वही सीढियो पर बैठ जाता है आज निशा को आने में कल से भी देर हो गयी थी जब वो वापस जाने को उठता है उसे निशा आती हुई दिखाई दी वो वही रुक गया निशा ने आज नीला सूट मेचिंग ज़ुमके बिंदी लगाई थी वो जब मंदिर के पास आई तो राहुल को वहाँ देख कर गुस्सा हो गयी पहले तो उसने उसे अनदेखा

कर दिया और आगे बढ़ गयी फिर वापस पलटकर राहुल की ओर गुस्सा हो कर बोली "तुम्हें कल समझ नहीं आया था क्या ? या फिर तुम आवारा हो ? तुम में आत्म सम्मान जैसी कोई चीज नहीं है क्या ?

या तुम हो ही बेशरम राहुल चुपचाप सिर नीचा करते हुए खड़ा रहता है और डांट सुनता रहता है

अब गूंगे जैसे खड़े ही रहोगे या कुछ बोलोगे भी!?

निशा गुस्से में बोली

राहुल वहाँ से चला जाता है पर निशा अभी भी वहीं पर खड़ी थी वो मन ही मन सोचती है सुबह सुबह दिन ख़राब हो गया चलो मंदिर हो के आती हूँ शायद थोड़ा ठीक लगे और वो फूल वाली अम्मा के पास फूल लेने चली जाती हैं ...... अम्मा उसे फूल देते हुए कहती है "वो सच में गूँगा है"

जी अम्मा कुछ कहा आपने !? निशा अनजान बनते हुए बोलती है !?

अम्मा- जिस लड़के को तुमने अभी खरी खोटी सुनाई वो सच में गूँगा है , बस कल तुम्हे देखते ही तुम्हे चाहने लगा था इसलिए तुम्हारा पीछा किया उसने और आज यहाँ आया तुम्हे देखने.....उधर बच्चे देख रही हो (एक तरफ खेलते हुए पाँच बच्चो की और इशारा करते हुए)

उन सब की पढ़ाई का खर्च वही उठता है और हमारी भी मदद करता है हमेशा , वो आवारा या दिल का बुरा नहीं है बस तुमसे प्यार करता है।

निशा ये सब सुन के अवाक रह गयी रही उसे लग रहा था बहुत बड़ी गलती कर दी उसने

निशा -अम्मा आप मुझे उनका घर का पता बता सकते है??

अम्मा -हाँ बेटी क्यों नहीं और उसे पता बता देती हैं।

निशा - शुक्रिया

और फिर वो मंदिर में दर्शन कर के राहुल से मिलने और माफ़ी मांगने निकल जाती हैं।

राहुल जो इतनी जिल्लत सहने के बाद सीधा अपने घर की तरफ जाता है और घर के सामने वाले नीम के पेड़ के नीचे जा कर बैठ जाता है , पूरे रास्ते और वहाँ बैठने के बाद भी उसके दिमाग में बस निशा के उसके गूँगेपन को लेकर बोले गये शब्द ही चल रहे थे। उसे आज पहली बार अपना अधूरापन खल रहा था....तभी उसे निशा दिखाई दी जो उसी की तरफ आ रही थी। उसे लगा वो शायद पुलिस को लेकर आई है राहुल भाग के अपने कमरे में आता

है और छुप जाता है जहाँ उसे कोई आवाज़ नहीं आ रही थी, निशा उसको आवाज़ लगाती हे पर वो एक नहीं सुनता , फिर निशा वहाँ से चली जाती है

जब राहुल शाम को दरवाजा खोलते हे तो उसे दहलीज़ पर पत्थर के नीचे दबी एक चिट्ठी मिलती है

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