गूंगी प्रेम कथा (अंतिमभाग)

कहानी का उद्देश्य है " कमियां " हम सभी में कोई न कोई कमी जरूर होती है जिसे हमें स्वीकार करना ही सही होता है ।।

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Manu jain
Manu jain 01 Apr, 2020 | 1 min read

राहुल ने पूछा क्या हुआ ?

निशा कहती है नहीं "कुछ नहीं हुआ है "

राहुल समझ गया था निशा कुछ छुपा रही है

वो उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में लेकर एक बार फिर पूछता है तो निशा कहती है "राहुल आप जानते हो की मै भी तुमसे प्यार करने लगी हूँ पर एक राज़ है जो मैंने आपको नहीं बताया है , बचपन में एक हादसे में मेरे शरीर का आधा हिस्सा जल गया था में उतनी खुबसुरत नहीं हूँ जितनी बाहर से लगती हूँ आपको मुझे छोड़ देना चाहिए

इस पर राहुल कुछ नहीं कहता बस अपनी जेब से कागज़ निकाल कर उस पर कुछ लिखता है, निशा भी नही समझ पा रही थी की वो क्या कर रहा हैं ।

लिखने के बाद वह कागज़ वो निशा को देता है और कहता है इसे घर जा कर पढ़ना ...और बस इतना कह कर वहाँ से निकल जाता हैं।

निशा जिसे समझ नहीं आ रहा था क्या हुआ , अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रही थी उसे लगा राहुल सच में उसे छोड़ कर चला गया है

वो घर पहुंची और अपने बैग में से वो कागज़ निकाला जो राहुल ने उसे दिया था वो उसे खोलती है ये वहीं पत्र था जो निशा ने उस दिन राहुल के दहलीज पर छोड़ा था जिसमें उसके आसुओ के निशान थे पर समय के साथ उन निशानों में बढ़ोतरी हो गयी थी जो राहुल के आंसुओं से बने थे।

जहाँ पर निशा ने लिखना खत्म किया था वही से राहुल ने लिखना शुरू किया था

" निशा मैने भले ही तुम्हे देख के पसंद किया हो पर मैंने प्यार सदा तुम्हारी आत्मा से किया है , जब तुम मेरा इतना बड़ा अधूरापन स्वीकार कर सकती हो तो तुमने सोचा भी कैसे की इतने से कारण के लिए में तुम्हे छोड़

दूँगा

I love you nisha

क्या तुम मुझसे शादी करोगी!?

जिसका जवाब हां होता है ।।

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Manu jain

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