युवा! तू बढ़ा कदम

युवाओं को समर्पित एक रचना

Originally published in hi
❤️ 1
💬 2
👁 789
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 23 Jan, 2021 | 1 min read
1000poems

युवा!

मत डर

राह में आने वाली कठिनाइयों से,

कठिनाइयों का आना-जाना

है जीवन का नियम

तू हार मत मान

परिस्थिति न हो अनुकूल

फिर भी लड़

तू आगे बढ़,तू आगे बढ़।।

युवा!

असंभव कुछ भी नहीं

ग़र है तुझमें

कुछ अलग करने का हौंसला

हौंसला रख बुलंद

किसी भी क्षण

मायूस मत हो

प्रतिकूल क्षण में भी

तू संभाल ख़ुद को और

आगे बढ़, तू आगे बढ़।।

युवा!

ज़िंदगी की कठिन परीक्षा

तुम्हें तोड़ना चाहेगी

पर, स्मरण रहे

कठिन वक्त में

तुम्हें टूटना नहीं है

मुश्किलों से डटकर

सामना करना है

लेना है प्रण

हाँ, बढ़ाऊंगा कदम

चाहे हो कितनी भी मुश्किल

जीवन में।।

युवा!

इतिहास के पन्नों पर

तुम्हारा नाम लिखा जाएगा

स्वर्णिम अक्षरों में यक़ीनन

बस, तू कर कुछ अलग

मेहनत, लगन, परिश्रम

से मित्रता कर

तू बना अपनी

एक अलग पहचान

हार मत मान कभी

भले मुश्किल सामने

हो खड़ी हर घड़ी।।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

1 likes

Support Kumar Sandeep

Please login to support the author.

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Mr Perfect · 4 years ago last edited 4 years ago

    Umda rachna

  • ARUN SHUKLA Arjun · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत ही यथार्थ एवं प्रेरणास्पद रचना लाजवाब भाई

Please Login or Create a free account to comment.