मैं डरता हूँ ईश्वर से

ईश्वर की मर्जी से ही हमारी साँसें चलती हैं। इस बात को हमें भूलना नहीं चाहिए।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 06 Jun, 2020 | 1 min read
Hindi poetry God

मैं डरता हूँ ईश्वर से

इसलिए नहीं सोचना चाहता हूँ 

कभी भी किसी का बुरा

मैं नहीं चाहता हूँ

कभी भी किसी का दिल दुखाना

मैं जानता हूँ 

इस दुनिया में 

इंसानों के साथ छल करना

तो है बेहद आसान

पर ईश्वर के साथ

छल करना अपने पाँव पर

कुल्हाड़ी मारने जैसा है

क्योंकि ईश्वर सबकुछ देखते हैं

जब ईश्वर क्रोधित हो जाते हैं

तो कर देते हैं तबाह

पूरी दुनिया को

हर उस शख़्स को

जो करता है कभी-न-कभी

किसी के साथ बुरा बर्ताव

जो दिल दुखाता है दूसरों की

इसलिए मैं डरता हूँ 

ईश्वर से और नहीं चाहता हूँ

कुछ भी गलत करना किसी के साथ ।।


मैं डरता हूँ ईश्वर से

क्योंकि,मैं जानता हूँ 

मैं जो भी करता हूँ

वो सबकुछ ईश्वर देखते हैं 

और एक दिन जब 

रुठ जाते हैं हमसे

किसी बात पर तो

असहनीय सजा देकर

सबक सिखलाते हैं

इसलिए मैं हर छोटी-छोटी

बातों का रखता हूँ विशेष ख़्याल

जब कभी आँखों के सामने

दिखाई देती है मुझे

नन्ही-नन्ही चीटियाँ तो

मैं आगे कदम नहीं बढ़ाता हूँ

यदि मेरे पाँव के नीचे 

आ जाती वो नन्ही चींटियाँ

तो मारी जाती इसलिए

मैं पाँव आगे नहीं बढ़ाता हूँ

जानता हूँ ईश्वर अपनी खाताबही

में रखते हैं हमारे द्वारा

किए गए कर्म का पूरा हिसाब

इसलिए मैं डरता हूँ ईश्वर से।।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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