आशिक़ की अभिलाषा

आशिक़ के मन की अभिलाषा

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 14 Feb, 2021 | 1 min read
Valentine's day special Valentine Day 1000poems Love poetry

आशिक़

जब गुजरता है प्रेमिका की गली से

निहारता है एकटक

प्रेमिका के घर की खिड़कियों की ओर

दर्शन करना चाहता है प्रेमिका का

जिस तरह एक भक्त व्याकुल रहता है

ईश्वर की मूर्ति की एक झलक देखने ख़ातिर

ठीक उसी तरह आशिक़ भी

व्याकुल रहता है प्रेमिका की एक झलक

प्राप्त करने ख़ातिर।।


सुख सुविधाओं से परिपूर्ण 

होने के बावजूद भी

वो सुकून नहीं मिलता है

आशिक़ के मन को

जो सुकून प्राप्त करता है वह

प्रेमिका के सम्मुख बैठकर

प्रेमिका से दिल की बातें कर।।


ज़िंदगी से चाह नहीं होती है अधिक

एक आदर्श आशिक़ को

एक आदर्श आशिक़ की चाहत होती है

बस इतनी ही

प्रेमिका का दिल, मन

समझ जाए आशिक़ के मन की बात

दिल की बात।।



आशिक़

अपना पूरा जीवन

चाहता है गुजारना

प्रेमिका के संग

आशिक़

प्रेमिका के तन पर

जबर्दस्ती अधिकार कायम

नहीं करना चाहता है

वह चाहता है

बस प्रेमिका को ख़ुशी अर्पित करना

प्रेमिका के इर्दगिर्द

दुख,दर्द नहीं भटकने देना।।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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