प्रेम

प्रेम का वास्तविक ध्येय।

Originally published in hi
Reactions 2
472
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 10 Feb, 2021 | 1 min read
Hindi poetry 1000poems

प्रेमिका के जीवन की बाधाओं को

हर लेने का वायदा करना ही प्रेम नहीं है

सड़क किनारे भूख से बिलखते 

इंसान को भोजन अर्पित करना भी प्रेम है।।


प्रेमिका के जीवन में दुख के घोर तिमिर को

मिटाने का संकल्प लेना ही प्रेम नहीं है

किसी असहाय के जीवन में व्याप्त

दुख के घोर तिमिर को मिटाना भी प्रेम है।।


प्रेमिका के जीवन में ख़ुशियों का रंग घोलने के लिए

भाँति-भाँति तरह का यत्न करना ही प्रेम नहीं है

किसी दुखियारे के आँगन में, जीवन में

ख़ुशी रुपी पुष्प बोकर ख़ुशी प्रदान करना भी प्रेम है।।


प्रेमिका के जीवन में व्याप्त ख़ुशियों के आकार

को दोगुना कर देना ही प्रेम नहीं है

ज़रुरतमंदों की चंद ज़रुरतों को ही सही पूर्ण कर

ज़रुरतमंदों के सहारे की छड़ी बनना भी प्रेम है।।



©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

2 likes

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Shilpi Goel · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत अच्छा।

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Well penned.

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद

Please Login or Create a free account to comment.