स्वर्ग से सुंदर है गाँव

गाँव की खूबसूरती बयां करती हुई यह रचना

Originally published in hi
Reactions 0
1349
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 28 Mar, 2020 | 1 min read

स्वर्ग से सुंदर शहर से अच्छा है अपना गाँव क्योंकि
शहर की हवाओं में तो
घुटन महसूस होती है
भले ही है शहर में
खुश रहने के साधन अनेक
पर हमारे गाँव के
बरगद की
छाँव जैसी शीतलता,
बुजुर्गों के आशीष,
दोस्तों की टोली,
अमुआ की डाली में लगे झूले
ये पल याद आते हैं,
महसूस होता है 
शहर के शोर से
अच्छा है
हमारे गाँव का महौल।।

अपनों से दूर
होकर मजबूर
दो वक्त की
रोटी के लिए
चंद ख्वाहिश
पूरी करने के लिए
जब आया शहर में
तब पता चला
यहां ख्वाहिश पूरी करना
आसान नहीं
केवल गम के बादल
छाए रहते हैं जीवन में
इस जीवन से अच्छा
तो गाँव था
जहां कुछ नहीं था पास
पर खुशियाँ बहुत थीं
जीवन में अब
महसूस होता है कि
पता नहीं
किस ख्वाहिश के लिए
गाँव की खुशी को
छोड़ कर हम
शहर आ गए।।

शहरों में तो सब
तन्हाई में जीते हैं,
किसी को किसी के
दुःख की परवाह नहीं
यहां सब लगे हैं
खुद की तरक्की
व उन्नति पाने में
गाँव में
दुःख की बातें हों
या हो सुख की बातें
सभी मिल-जुल कर
करते हैं दूर
समस्याओं को
अगर हो खुशी की बात
तो साझा करतें हैं
खुशियों को
एक-दूसरे से
अब महसूस होता है 
गाँव की
खुशी जैसा अनुभव
शहर की आलिशान
इमारतों में नहीं है।।

शहर में
चिड़ियों का चहचहाना
सुनने को नहीं मिलता
गाँव की बहन-बेटी
पूरे गाँव की
ईज्जत होती है
शहर में नवयुवकों के
बद से बदतर हो चुके हैं
वे बहन बेटीयों को
बुरी नजरों से
देखते हैं,
नित अखबारों में
दुष्कर्म के समाचार
छपते रहते हैं,
क्या यही है
शहर वालों की उपल्ब्धि
क्या ऐसे संस्कारों से
विकसित होगा अपना देश
शहर वासी
गाँव के लोगों को
कुछ समझते ही नहीं
नगर से अच्छा तो
हमारे गाँव का
महौल है
यहां के लोग
यहां के बरगद की
छांव की शीतलता,
यहां के लोगों की
वाणी की मिठास
हाँ सचमुच
स्वर्ग से सुंदर शहर से अच्छा है अपना गाँव।।

©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित

0 likes

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.