वक्त बदलता ज़रूर है।

प्रतिकूल परिस्थिति में धैर्य और साहस ही है महत्वपूर्ण हथियार।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 02 May, 2020 | 1 min read

रात कितनी भी अंधेरी क्यूं न हो कुछ वक्त के पश्चात सुबह होती ही है।ठीक उसी प्रकार वक्त आज बेशक प्रतिकूल है पर कल निश्चित ही सबकुछ बेहतर होगा।बस हमें सब्र और संयम हर हाल में नहीं खोना है।मन में यह विश्वास रखना है कि ज़िंदगी की जंग में जीत हमारी ही होगी।वक्त फिर से हमारे लिए ख़ुशियों का पिटारा लेकर हमारे पास आएगा।

मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी होगी पर हमारे आत्मविश्वास और हिम्मत के समक्ष कुछ भी नहीं है।इतना विश्वास रखिये ख़ुद पर हर पल,हर क्षण।ज़िंदगी तो परीक्षा लेती है हर वक्त पर जो ख़ुद पर विश्वास नहीं रखते हैं प्रतिकूल समय में वे कभी भी मुश्किलों को मात नहीं दे सकते हैं।और न ही ज़िंदगी की परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं।

ईश्वर भी कभी-कभी हमारे धैर्य और संयम की परीक्षा लेते हैं।ईश्वर हमारी परीक्षा लेने के क्रम में देखते हैं कि हमारे अंदर वक्त की मार सहन करने की कितनी ताकत है।यदि बुरे वक्त में हिम्मत और हौसला हम अटल रखते हैं तो ईश्वर भी प्रसन्न होकर हमारा साथ कभी नहीं छोडते हैं।और सही मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं।इसलिए यह आवश्यक है कि हम ख़ुद पर विश्वास रखें ही साथ-ही-साथ ईश्वर पर भी।

वक्त करवट हर पल लेता है।अकेलेपन के इस दौर में संयम,धैर्य,साहस ही महत्वपूर्ण हथियार है मुश्किलों को मात देने के लिए।परिस्थिति प्रतिकूल हो बेशक यदि हमारा विश्वास ख़ुद पर है तो हम हर जंग जीत सकते हैं।हर मुश्किलों से डटकर लड़ सकते हैं।और याद रखिये एक बात सदा वक्त बदलता ज़रूर है।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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