माँ तेरा आँचल

माँ आँचल में छूपा कर बच्चों के डर को गायब कर देती थी।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 11 May, 2020 | 1 min read

माँ तेरे आँचल के विषय में क्या लिखूं?

आँचल में ढ़ककर तू दुग्ध पिलाती थी मुझे

आँचल में ढ़ककर मंद-मंद स्वर में

अनुपम स्नेह से लोरी सुनाती थी मुझे।।


माँ तेरे आँचल के विषय में क्या लिखूं?

आँचल में ढ़ककर तुमने कई बार मुझे

जेठ की दुपहरी की धूप से बचाया है

सुकून के पल थे जब तेरी गोद में बैठता था मैं।।


माँ तेरे आँचल के विषय में क्या लिखूं?

जब कभी पापा डांट देते थे मुझे

फ़ौरन मैं तेरी गोद में छूप जाता था

आँचल से ढ़कने के पश्चात मेरा डर दूर हो जाता था।।


माँ तेरे आँचल के विषय में क्या लिखूं?

आँचल से ढ़ककर तुमने ठंड के प्रभाव से भी बचाया है मुझे

प्रतिकूल परिस्थिति थी मगर तुमने संभाला है हमेशा मुझे

सचमुच असमर्थ हूँ तेरे आँचल के विषय में कुछ भी लिखने में।।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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