मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर

Motivational Poem

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 16 Mar, 2020 | 1 min read

मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर

मंजिल की राह पर चल राही

न परवाह कर कष्ट की

मिलेगी सफलता निश्चित ही

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर

मुश्किलों में राही तू मुस्कुरा

तकलीफों को मात देकर तू

नव इतिहास रच राही तू मत घबरा

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर


राह में मिले कांटों से मत घबरा

मुश्किलों में मत घबरा राही

सफलता पाना बिल्कुल आसान है

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर


हालातों से हार मान यदि थक जाओगे

याद रखना हार मान तुम मंजिल नहीं पाओगे

बुरे समय को मात देकर तू नव इतिहास रच

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर


पढ़कर देख इतिहास तू बिन मेहनत

मंजिल मिलती नहीं है चाहता है कुछ

अलग करना आत्मविश्वास तू बढ़ा

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर

मधुर स्वर में बोलना सीख राही कटु वचन

न कभी बोलना व्यवहार तेरा प्रथम परिचय

है तू व्यवहार कुशल,उत्तम व आदर्श बना

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर


जिंदगी एक अनमोल उपहार मिली है

रब से तू जिंदगी को सार्थक बना

इतिहास रट मत तू नव इतिहास रच

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर


हौसलों को रख बुलंद एक दिन होगा चर्चा

तेरे हुनर का जग में बस तू नेक काम कर

मुश्किलों का कर सामना हार मत मानना

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर

राही भाग्य को दोष देकर तू न पीछा छुड़ाना

हौसलों से अपना भाग्य तू खुद सृजित कर

हालतों से लड़ना सीख भाग्य खुद गढ़ना सीख

बस मंजिल का राही तू निरंतर प्रयास कर


©कुमार संदीप

स्वरचित,इमेल- worldsandeepmishra002@gmail.com

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