कीजिए वादा

प्रकृति की सुरक्षा के लिए प्रेरित करती हुई मेरी यह काव्य रचना।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 13 Feb, 2020 | 0 mins read



कीजिए वादा आज

प्राण की रक्षा करने वाले जल से

हाँ दीजिए भरोसा उसे कि

जल मैं तुझे बेवजह न करूँगा बर्बाद

आवश्यकता अनुसार ही करूँगा उपयोग।।


कीजिए वादा आज

परोपकारी वृक्ष से

हाँ जाइये उसके पास और

महसूस कीजिए उसके दर्द को

दीजिए भरोसा कि वृक्ष मैं तुझे असमय ही नहीं मारूंगा।।


कीजिए वादा आज

प्यारी नदी से

हाँ जाकर नदी किनारे

बताइये नदी को प्यारी नदी तू है जीवनदायिनी

हाँ करता हूँ वादा तुझे प्रदुषित नहीं करूँगा कभी।।


कीजिए वादा आज

माँ धरती से कि माँ सदैव तेरी रक्षा करूँगा

हाँ माँ तुझे सदैव ख़ुश रखने का प्रयास करूँगा

अवांछनीय पदार्थों को नहीं तुझ में मिलने दूंगा

हाँ माँ सदा तेरी रक्षा करूँगा।।


©कुमार संदीप

मौलिक,स्वरचित

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