उम्मीद का सूरज

पढ़िये एक प्रेरणादायक कविता।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 17 May, 2020 | 0 mins read


मुश्किलें भले आगे बढ़ने से रोकनी चाहे

कठिनाईयाँ हो बेशक अधिक जीवन में

यदि रखते हैं हम उम्मीद मन में हर पल

जीत होती है हमारी इक दिन निश्चित ही

बाधा नहीं रोक पाती है तब कदम कभी

हालात हो बेशक प्रतिकूल हार मत मान

मंजिल का राही तू कभी और कर प्रयास निरंतर।।


हालातों का कर सामना कर हर पल डटकर

मुश्किलों को मात देकर सदैव आगे बढ़

प्रतिकूल क्षण में निराश और हताश कभी मत हो

कर कड़ी मेहनत लगन और ईमानदारी से

उम्मीद का सूरज मत होने दे अस्त पथिक कभी

मुश्किलों को मात देकर पाएगा तू मंजिल

इक दिन निश्चित ही रख यह विश्वास ख़ुद पर।।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित

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