इस "मदर्स डे" माँ से लेते हैं सीख

Topic- रिश्तों की डोर Article- 05

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 09 May, 2020 | 1 min read

रिश्तों की डोर को मजबूती प्रदान करने में माँ अहम भूमिका अदा करती है। कल मातृदिवस यानी "मदर्स डे" मनाया जाएगा। इस दिन माँ की तस्वीर ही केवल अपने फेसबुक,इंस्टाग्राम या अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट पर ही पबलिश न करें अपितु इस एक दिन का पूरा समय माँ को पूर्णतः समर्पित करें। माँ से सीख लें कि किस प्रकार रिश्तों में नजदीकियां बढ़ानी चाहिए।

माँ से लीजिए टिप्स- माँ, न केवल अपने बच्चों को पूरा ख़्याल रखती है अपितु परिवार को एकता के सूत्र में बांधे रखने का प्रयास अंतिम साँस तक करती है। रिश्तों में गलतफहमी की दीवार को तोड़ने का काम करती है माँ। इस "मदर्स डे" पर आइए हम सभी माँ से कुछ सीख प्राप्त करें। आप देखते होंगे आपने महसूस किया होगा कि माँ निःस्वार्थ भाव से बच्चों से प्रेम करती है। वहीं आज रिश्तों में स्वार्थ की भावना प्रबल है। जो कि रिश्तों में दरार आने की मुख्य वजह है। इसलिए हमें माँ के विचारों का अनुसरण करना चाहिए। रिश्तों में नजदीकियां बढ़ाने के लिए उनके विचारों का आत्मसात करना अति आवश्यक है।

माँ को समझने का प्रयास कीजिए- आजीवन अपनी ख़ुशी की परवाह नहीं करती है माँ। बच्चों को रिश्तों की एहमियत को समझाने का पूरा प्रयास करती है जीवनभर माँ। और आज की पीढ़ी माँ की बातों को बिल्कुल अनसुना कर अपना कार्य करती है। यह सर्वथा अनुचित है। रिश्तों की डोर मजबूत हो इसलिए माँ के विचारों पर हमें चलना चाहिए। माँ को समझना चाहिए।

क्यूं न हम? इस "मदर्स डे" पर कुछ बेहतर करते हैं। माँ के पास बैठ कर माँ से बहुत कुछ सीखते हैं। यकीनन हमारा वर्तमान तो बेहतर होगा ही साथ ही हमारा भविष्य भी। और हम रिश्तों को टूटने से भी बचा सकते हैं।

©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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