निद्रा के शरण

नाम कुम्भकरण

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 27 Sep, 2021 | 0 mins read

हारा मैं हारा, पूछो मैं किसके

शरण

किससे हूँ पराजित, किसने किया

हरण

शायद ही बच पाया उससे कोई

बताओ

किस कारण से मेरा नाम

कुम्भकरण।।




भाई निद्रा के घोर शिकार मुझमें

लगा ग्रहण

जगाओ तो न जागूँ, भगाओ न

करूँ भ्रमण

रोको सोने से, मुझसे न करो

दुःसाहस

शायद यह नींद ख़त्म हो,


जब हो मरण।।

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Dr. Pratik Prabhakar

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