डोरेमॉन के गैजेट्स

अगले दिन जब बिना होमवर्क किए सोनू स्कूल गया तो देखा कि सच मे होमवर्क तो बना हुआ है । अगले दो दिन भी ऐसा ही हुआ ।सोनू को लगा कि सच में डोरेमोन ही उसका होमवर्क पूरा कर देता है ।

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 02 Nov, 2020 | 1 min read
Childhood

"जिंदगी संवार दूँ, एक नई बहार दूँ, दुनिया ही बदल दूं ,मैं एक चमत्कार हूं........ डोरे.....मॉन गाता हुए छह साल का सोनू गोल गोल घूम रहा था । खुद को नोबिता जैसा मानता था सोनू ।उसके पास डोरेमॉन तो था नहीं फिर उसे डोरेमॉन के गैजेट्स कैसे मिलते, जिससे उसे अपने काम में आसानी हो ।



एक बार उसके चचेरे भैया मीत घर आए । उनकी परीक्षा थी मीत हमेशा सोनू की मदद करने को आतुर रहते चाहे होमवर्क में या बाजार से अच्छी चॉकलेट लाकर देने में। सोनू भैया से रोज होमवर्क में मदद लेता था ।


इस बार सोनू ने भैया को कहा 

"भैया आपके पास गैजेट्स है ?? डोरेमॉन जैसे, तो मीट भैया ने उसके मन की बात जान ली और मुस्कुराते हुए बोले 

"गैजट्स तो नहीं मेरे पास लेकिन मेरी दोस्ती है डोरेमॉन से"। 


फिर सोनू ने कहा "मैं अगले दिन से होमवर्क खुद नहीं करूंगा"


 मीत मुस्कुरा रहे थे उन्होंने कहा

"मैं डोरेमोन को कह दूंगा"


 अगले दिन जब बिना होमवर्क किए सोनू स्कूल गया तो देखा कि सच मे होमवर्क तो बना हुआ है ।

अगले दो दिन भी ऐसा ही हुआ ।सोनू को लगा कि सच में डोरेमोन ही उसका होमवर्क पूरा कर देता है ।


पर ,तीसरे दिन होमवर्क नहीं होने के कारण उसको टीचर की डांट सुननी पड़ी ।अब जब सोनू घर आया था तो उसने मीत भैया को घर में नहीं देखा ।


उसने मां से पूछा तो पता चला भैया की परीक्षा हो गई थी और वह घर चले गए थे ।


मां ने उसे एक गिफ्ट दिया जो मीत भैया उसके लिए देकर गए थे उसमें एक चॉकलेट था और एक नोट था जिस पर लिखा था 

"सभी के पास खुद के गैजेट्स होते हैं और वह है अपना काम खुद करना"


सोनू को समझ आ गया था कि भैया ही उसके होमवर्क कर देते थे । अब भैया तो है नहीं आगे से उसे खुद होमवर्क करना होगा ।  


सोनू अब अपनी पसंदीदा चॉकलेट खा रहा था और अपना होमेवर्क पूरा कर रहा था।

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