नैनों में सपने

वक़्त भी तिल तिल जले हैं

Originally published in hi
❤️ 2
💬 0
👁 708
Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 08 Jul, 2021 | 1 min read
Inspire Motivation

तेरे नैनों में  सपने  पले हैं

वक़्त भी तिल तिल जले हैं।


मुस्कुराना क्यों भूल जाते हो?

क्यों नहीं हँस कर गाते हो?

घबरा गए हो याद कर तुम

दिन  जो यूँ   ही  ढले हैं।


मातपिता के अरमानों काआकाश

तुम पर ठहरता उनका   विश्वास

क्यों याद कर   रोते     हो , जो

सयुंक्त प्रयास से न फूले -फले हैं।


उठ के बैठो जो  तुम सोते हो

हँस भी दो जो तुम रोते   हो

सूरज उगेगा नभ में एक दिन

अब जाने लगे   जलजले हैं।


मेहनत को भगवान् बनाओ

मस्तिष्क को संधान बनाओ

हर कंठ को अब तर कर दोगे

जो कारण तुम्हारे निर्जले है।।

प्रतीक


2 likes

Support Dr. Pratik Prabhakar

Please login to support the author.

Published By

Dr. Pratik Prabhakar

Drpratikprabhakar

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.