रश्म -ए-इश्क़ ( वैलेंटाइन डे)

बता दे रश्म ए इश्क़ निभाऊं कैसे

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 09 Feb, 2022 | 1 min read
Life Firstlove

रश्म- ए- इश्क़


बता दे दिल के आग दिखाऊँ कैसे ?

बता दे रश्म- ए - इश्क़ निभाऊं कैसे?


पूरे हो जाते सारे   ख़्वाब

देता जो मैं तुझे    गुलाब

सपने में हम साथ हमेशा

हकीकत में तुम्हे पाऊँ कैसे??


सब तुम्हीं     से है   रंगीनियाँ

तुम चाहती तो बनती कहानियाँ

स्वीकार करो इजहार ए इश्क़ मेरा

तेरे सिवा मैं कहीं जाऊँ कैसे??


चॉकलेट सी मिठास घुल जाती

बन जाती जो तुम मेरी साथी

प्रेमपत्र लिखकर मिटाता मै

हाँ , तुमसे प्यार है , जताऊं कैसे??



नब्ज रुक जाती है देखता हूँ तुझे

काश अलहदा प्यार देती तुम मुझे

टेड्डी क्या पूरा संसार न्योछाबर

अब तो जाता मैं गाउँ कैसे??




करो मेरे आँखों में आँख डाल वादा

क्या अब भी न बदला इरादा

दिल के कोने में छुपी जो ख़ुशी

कब तक घुट के छुपाऊँ कैसे??


मन से मन का हो आलिंगन

वारूँ अब मैं तन ,मन, धन

तू अथाह नदियों के संगम सी

बता मैं तुझमे समाऊं कैसे??


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Dr. Pratik Prabhakar

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