ख़बरें

बन के रह गयी तमाशा ख़बरें

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 10 May, 2021 | 1 min read
News

ख़बरें

ताजा ख़बरें

बासी ख़बरें

बन कर रह गयी हैं

तमाशा ख़बरें

कौन, कैसे और क्या-

क्या दिखा रहा

रोज़ सबेरे, चाय के साथ

पकौड़े जैसी

ख़बरें

ऐसी ख़बरें, वैसी ख़बरें

लाज़बाब ख़बरें

शोर वाली ख़बरें

बढ़ा-चढ़ा कर ,

रंगरोगन की हुई ख़बरें

प्राइम टाइम की कानफोड़ू ख़बरें

बहस और बहस करते ,

चिल्लाते लोग

गला फाड़ लेने को आतुर उदघोषक

बेचारा सोया हुआ

उठ जाए कुम्भकर्ण

समाचार के जगह

चुटकी लेती ख़बरें

चापलूसी करती ख़बरें

ध्रुवीकरण की द्योतक ख़बरें

छोटी खबरों को सनसनीखेज बना

तो बड़ी खबरें शायद गुम होती

एक अलग क़िस्म के

दर्शक बनाती ख़बरें

फेसबुक की ख़बरें

व्हाट्सऐप की ख़बरें

झूठी ख़बरें

महाझूठी खबरें

चुगली करती ख़बरें

रसीली ख़बरें

पूछो तो कहेंगे मत देखो

क्या बंद कर ली जाये आँखें

कब तक चटपटी, चासनी

में लपेटी मिलेंगीं ख़बरें

बस करो , मुझे नहीं सुननी

ख़बरें।


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