दादी की कहानियां

दिल की बाते (लघु कथाएं)

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 17 Jun, 2020 | 0 mins read

1. दादी की कहानियां

जाने कहाँ गया वो दौर जब हमारी दुनिया दादी नानी के इर्द गिर्द हुआ करती थी। कहानियों के किरदार दिनभर हमारे साथ भ्रमण किया करते थे। दादी की कहानी की झोली से निकलकर परियां हमारे साथ खेला करती थी। कभी गुड्डे गुड़ियों की शादी होती तो कभी कठपुतलियों का खेल होता।

लेकिन अब दादी नानी की कहानियां पुरानी हो चली है। मोबाइल टीवी जैसे गैजेट ने दादी नानी की सारी कहानियां चुरा ली है। फिर भी बच्चो की खुशी में अपनी खुशी ढूढ़ने वाली दादी नानी इस बदलाव में खुद को बदलने का प्रयास कर रही है।


2. दिल की बात

"कब तक खिड़की से बाहर झांकती रहेगी अब तो त्यौहार भी खत्म होने को आया।"

"उसने वादा किया था माँ, होली पर पहला रंग वो ही लगायेगा"

उसकी जम्मू में पोस्टिंग थी वहाँ नेटवर्क न होने के कारण तीन महीने से दोनो का संपर्क नही हो पाया था। फिर भी नेहा को विश्वास था कि वो होली पर जरूर आयेगा। लेकिन शाम होते होते उसकी आशा टूटने लगी। तभी पीछे से किसी ने उसके गालो को रंग दिया था। नेहा ने गुस्से में पलटी की......

हाँ वो आ गया था होली के रंगो के साथ अपने दिल की बात कहने।

@बबिता कुशवाहा

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