बेटा-बेटी बरोबर

बुंदेली लघु कहानी

Originally published in hi
❤️ 2
💬 2
👁 979
Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 31 May, 2020 | 0 mins read

"अरे जो का! ते राहुल से काम करवा रइ..नेहा घरे नइया का" सासूमाँ ने अपनी बहू से कई


"नेहा भी एतई भीतर है, काल उके स्कूल में प्रोजेक्ट देने सो ओइ बनाउत हुईए" बहु बोली


"अगर बिटिया एतई है तो लड़का से काम करवाबो शोभा देत का, जे घर के काम तो हम औरतन के लाने होत लड़कन के लाने नई" सासूमाँ बोली


"नई माँजी आज के टेम में बिटियन के संगे संगे लड़कन खा भी घर काम आबो भोत जरूरी है आज बरोबरी के जमाने मे ऐसो कोनऊ काम नइया जो केबल लड़का या केबल बिटिया कर सके। आज जब लड़का और लड़की में भेदभाव नई होत तो काम मे भेदभाव कैसो" बहु सासूमाँ से बोली

"सइ के रइ बहु ते आज के जमाने मे तो सब बरोबर ही है आज की मोड़ी तो चाँद पे भी जा रइ और घर भी देख रइ तो लड़कन का भी हल्के से ही उ काबिल बनाबो चाहिए जिसे से बे बड़े होबे पे भी घरेलू काम मे हाथ बंटा सकें।" सासूमाँ को अपनी गलती समझ आ गई ती।

दोस्तो हमें भी घर मे बिटियन के संगे लड़कन खा भी घरेलू काम सिखाबो चाहिए जिसे बे भी बड़े होने पर औरतन के काम खा समझे और उनकी इज्ज़त करें। हमाओ लेख अच्छओ लगे तो लाइक करियो। धन्यावाद

स्वरचित

@बबिता कुशवाहा







2 likes

Support Babita Kushwaha

Please login to support the author.

Published By

Babita Kushwaha

Babitakushwaha

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.