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माँ प्रतीक है निःस्वार्थ प्रेम का।

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 11 May, 2020 | 0 mins read

माँ शब्द में सम्पूर्ण सृष्टि का निवास है,

माँ संवेदना है, भावना है, एहसास है,

माँ शब्द में आत्मीयता एवं मिठास है।

माँ के आँचल में सम्पूर्ण संसार है,

माँ प्रेम, करुणा और ममता का पर्याय है,

माँ धरती पर जीवन का आधार है।

माँ शब्द मे सारी दुनिया बसती है,

माँ खून से सिंच कर संतान को पैदा करती है,

माँ जीना सिखाती है,

दुनिया मे बैखोफ रहना सिखाती है।

माँ एक भाव है मातृत्व का, वात्सल्य का, त्याग का,

माँ प्राण है, माँ शक्ति है, माँ ऊर्जा है, माँ भक्ति है,

माँ प्रतीक है शौर्य का, निःस्वार्थ प्रेम का।

  1. मेरे न बताने पर भी मेरे मन की बात समझती है,

    चोट मुझे लगती है पर धार उसकी आँखों से बहती है,

    भगवान का तो पता नही पर दुनिया उसे माँ कहती है।

  2. हर पल, हर दिन, ताउम्र

    अपने बच्चों के लिए दिन रात एक कर

    अपना सर्वस्व न्यौछावर कर

    पूर्ण समर्पित भाव से

    स्वयं की पहचान छुपाकर

    जीवनपर्यंत संघर्ष करती है

    हां वह माँ ही होती है

    वह माँ ही होती है।

स्वरचित, अप्रकाशित

बबिता कुशवाहा

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