हवसी

समाज की हवसी नजर जब महिलाओं पर पड़ती है तो वो शर्मसार हो जाती है।

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आनंद रॉय
आनंद रॉय 24 Sep, 2020 | 1 min read

सुनो ! 

तुम्हारी आँखें गुनेहगार हैं

उन लड़कियों के जिसे तुम घूरते हो

तुम सिर्फ घूरते ही नही

तुम उसे शर्मसार करते हो

हर रोज़ कभी किसी चौराहे 

तो कभी किसी दफ़्तर में

हर उस जगह पे जहाँ तुम्हारा जी चाहता है

तुममें और उन बलात्कारियों में कुछ फ़र्क नही,

तुम अपनी हवसी आँखों से नोचते हो और वो अपने

हवसी पंजों से।।

   __आनंद रॉय

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