कुछ तो बोल
ऐ कलम,तू कुछ क्यों नहीं बोलती ?, मुझ पर कुछ क्यों नहीं लिखती?, सारी दुनिया तेरी ताकत को पहचानती है, मुझे भी अपनी ताकत से पहचान दिला, खुद में ही कहीं खो गई हूँ मैं, खुद को पाते पाते रह गई हूँ मैं , तुझे देख एक सपना बुना है , मैंने भी खुद से खुद को चुना है , अपनी पहचान बनाऊँगी, सबको अपनी ताकत से झुकाऊँगी। ©️डाॅ मधु कश्यप

Paperwiff

by 1127

18 Oct, 2020

ऐ कलम

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