मुरझाए फूल फिर खिल उठे!

जीवन की धारा में कितने ही पडाव आते हैं,जिनका आना हमे जीवन में योग्य बनाता है।अपने बच्चे के ऊपर विपदा आने मात्र से माता पिता एक चट्टान की तरह खड़े हो जाते है ताकि बच्चो का अहित न हो।ऐसी ही ये कहानी है,जीवन के संघर्ष की जो एक छोटी लड़की ने किया अपनी मां के साथ मिलकर और अंत में एक राह पा ली।

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Vinita Tomar
Vinita Tomar 21 Jul, 2021 | 0 mins read

मुदिता एक चंचल स्वभाव की लड़की थी।हमेशा खुश रहती और किसी की अवमानना नही करती।एक सुंदर,सुशील लड़की होने के साथ अपने काम में भी योग्य थी। समय के साथ उसका विवाह एक अच्छे परिवार में हुआ,उसके पति का नाम विश्वास था।

ये कहें दोनो एक जैसे थे।विश्वास भी शांत स्वभाव का,हंसमुख व्यक्तित्व का मालिक था।

समय सही रफ्तार से चलता रहा और मुदिता गर्भवती हुई।तमाम जांच और अच्छे खान पान के साथ उसकी जचकी एक दम आसानी से हो गई।कुछ समय बहुत ही अच्छा निकला,उसकी गुड़िया बहुत ही प्यारी थी।किंतु जीवन में नया मोड़ आ गया,उसकी बेटी का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित था, मुदिता समझ नही पा रही थी कि ये सब क्या हो गया।कितने ही डॉक्टर और हकीमों को दिखाया कुछ आराम नहीं मिला।कुछ ने कहा आप इसे मानसिक अस्पताल ले जाओ,ये जीवनभर कुछ नही कर पायेगी।

निराश हताश मुदिता और विश्वास क्या करें समझ नही पा रहे थे। वो बोली,"मैं अपनी बेटी को ऐसे नही छोड़ सकती।इसके लिए जो बन पड़ेगा मैं करूंगी।

इसे काबिल बनाऊंगी,ताकि ये खुद के लिए जीवन तलाश सके।स्कूल में उसे दाखिला नहीं मिला तो कोई बात नहीं, मैं इसकी शिक्षिका बनूंगी।"

मुदिता ने दिन रात एक कर दिए अपनी बेटी को उठाने में।पैसा पानी की तरह बहा लेकिन उसकी मेहनत उससे ज्यादा थी। सबको समझती और अपने पर विश्वास रखने को कहती।

धीरे धीरे बेटी के अंदर विकास हुआ,वो बोलने की कोशिश करती और रंगो से प्यार करती।चलना अभी भी संभव नहीं था तो बैठे बैठे ही कागज पर रंग उकेरने लगी। कितनी ही सुंदर पेंटिंग बनाई उसने।मुड़िता और विश्वास समझ गए थे कि उनकी बेटी ने एक रह चुन ली है।अब वो कोई मुरझाए फूल नहीं बनकर रहेगी खुद को कुसुमित करके रहेगी।

उसकी मेहनत रंग लाई और एक पेंटिंग प्रतियोगिता में सबसे कम उम्र की प्रतिभागी बन पहला स्थान मिला। मुदिता ने उसके लिए प्रदर्शनी आयोजित करवाई और कितने ही लोगो के लिए वो प्रेरणा बन गई।

आज शारीरिक रूप से वो भले ही कमजोर हो,लेकिन मानसिक रूप से सुदृढ़ बनकर जीवन का ध्येय पा लिया है।


धन्यवाद।


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Vinita Tomar

vinitatomar

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 2 years ago last edited 2 years ago

    बेहतरीन

  • Vinita Tomar · 2 years ago last edited 2 years ago

    Thank you very much

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