अरे, राम की माँ "ये राम कहाँ जा रहा है सुबह सुबह"? सुधाकर जी ने अपनी पत्नी से पूछा ।
अभी राम के किसी दोस्त का फ़ोन आया है कि उसका उसके पड़ोसी से कुछ कहासुनी हो गयी है। तो राम बस वो ही देखने गया है कि क्या हो हुआ उसके दोस्त के साथ.... हाँ पूरे मोहल्ले में एक तुम्हारा ही तो लाड़ला है जिसे पूरे मोहल्ले की चिंता रहती है कि कब कहाँ कोई लड़ाई हो तो ये जनाब बन महाराज पहुंच जाते है वहाँ...
सबकी हँसी, खुशी, दुःख का जिम्मा जो इन्होंने अपने सिर पर ले रखा है। सुधाकर जी ने गुस्से में कहा तभी सुजाता जी बोल उठी तो इसमें क्या दिक्कत है। जब हमारे मोहल्ले वाले हमारे बेटे को अपने हर दुःख, सुख में बुला लेते है। उसे इतना प्यार करते है... जैसे भगवान राम को पूरा अयोध्या प्यार करता था।
तभी उनका बेटा राम आता है तो सुधाकर जी बोल उठते है। बताओ राम बेटा... आज तुम किसकी गलती निकाल कर आ रहे हो।
राम:- पापा आज तो मेरे दोस्त की ही गलती थी। रात को रोहित ने कुछ ज्यादा पी ली थी और अपने पड़ोस में रहने वाले लोगों को शराब पीकर गंदी गालियां देने लगा तो उन लोगों ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया। सुबह जब रोहित ने मुझे फ़ोन किया तो मैंने सबको समझा कर इस मामले को शांत कर दिया। और रोहित को भी अपनी गलती का अहसास हो गया तो उसने भी सबसे माफी माफ ली।
पापा:- यह तो तुमने बिल्कुल सही किया... राम बेटा तुमने तो अपने नाम को चरितार्थ कर दिया है। जिस तरह से भगवान राम हमेशा सत्य का साथ देते थे... उसी तरह आज तक तुमने भी हमेशा सत्य का ही साथ दिया है।
सुजाता जी ने बीच मे ही टोकते हुए कहा देखो जी मैं तो आपको हमेशा से कहती आयी हूँ कि हमारा बेटा भगवान राम जैसा है। भगवान राम ने अपने माता पिता, गुरुजनों, भाईयों, अपने साथियों का हमेशा सम्मान किया, सत्य की राह पर चले, अपने जीवन को सभी के लिए आदर्श बनाया। अपने सभी धर्मों का पालन किया उसी प्रकार हमारा बेटा राम भी उन्हीं के सदमार्ग पर आगे बढ़ रहा है।
सही कह रही हो तुम सुजाता... इस कलयुग में भगवान राम कहाँ? वरना ऐसा कहाँ होता है? लोग तो अपने नाम के विपरीत होते है। लेकिन हमारा बेटा राम तो भगवान राम के ही पदचिन्हों पर चल रहा है। काश हमारे भारत देश का हर बेटा भगवान राम के गुणों को अपने जीवन मे उतार ले तो यह कलयुग भी सतयुग में बदल जायेगा। और हर माता पिता राम जैसा पुत्र पाकर धन्य हो जायेंगे... तभी राम बोल उठा क्या पापा और माँ आज सुबह सुबह आप दोनों भी मेरी तारीफ करने लगे मैं कोई भगवान राम नही... मैं तो सिर्फ एक साधारण सा, आपका बेटा राम हूँ इतना कहकर राम अपने माता पिता के चरणों मे झुक गया तो सुधाकर जी ने भी अपने बेटे को गले लगा लिया।
सच कहा सुधाकर जी ने आज हर पुरुष को बदलना होगा। अपने सद्गुणों की पहचान स्वयं को ही करनी होगी। अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने के साथ साथ उनके आदर्शों को भी अपनाना होगा। तब भगवान राम कलयुग में भी आयेंगे
विनीता धीमान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
कथा का अंत एक सीख दे गया। एक खूबसूरत सृजन हेतु आभार आपका मैम
जी शुक्रिया संदीप जी🙏🙏💐💐
Bahut khoob 👌
शुक्रिया शुभा जी🙏🙏
Bahut hi badiya
Thank you dear babita❤️
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