Vidhisha Rai

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गुलाब के काँटे
"सोना ये नहीं हो सकता।मैंने माना नितेश मुझे बहुत प्यार करता है,पर मैंने भी अपने मरते माँ-पिता को वचन दिया था कि जब तक तुम्हें आत्मनिर्भर नहीं बना लुंगी, तब तक विवाह नहीं करूँगी।मेरी भी बड़ी बहन होने के नाते तुम्हारे प्रति कुछ ज़िम्मेदारी है।"सोना ने तब बड़े ही गंभीर शब्दों में प्यार से कहा,"दीदी इस उपवन में रंग-बिरंगे गुलाब के फूल है और साथ में कितने खुश होकर पूरे उपवन को महका रहे हैं।वैसे ही आप,मैं और नितेश जी अलग-अलग है पर हम साथ होकर अपनी ज़िंदगी महका सकते हैं। और रही बात संघर्ष की तो काँटे तो हर गुलाब की शोभा बढ़ाते हैं। काँटों के बीच से जब गुलाब इतने महक सकते हैं, तो हम सब भी परेशानियों का सामना साथ में रहकर कर सकते हैं। मैं वादा करती हूँ मैं मन लगाकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दूँगी।"सोना की बात सुनकर नीलम ने चुपचाप नितेश का दिया लाल गुलाब अपने बालों में मुस्कुराते हुए लगा लिया।

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by vidhisharai

#story prompt 6#microfable contest

13 Feb, 2024
कर्मफल
"दादा जी आप रोज सुबह पौधों को पानी देते हो।आप एक साथ इनको खूब सारा पानी दे दिया करो न,ताकि आपको रोज-रोज एक ही काम न करना पड़े।"नन्हें ओजस ने अपने दादा जी से लिपटते हुए कहा।दादा जी जोर से हंस दिए और प्यार से बोले,"तब तो तुम्हें भी मैं एक साथ ही खूब सारा खाना दे दूं और फिर अगले 2-3 दिन कुछ न खाने को दूं। ओजस जैसे रोज भोजन करते हुए हम आपस में बातचीत करते हैं, वैसे ही इन पौधों से मैं रोज सुबह बात करता हूँ। और रोज थोड़ा-थोड़ा पानी देकर इनको वृक्ष बना, इनसे फल मिलेगें।ऐसे ही इंसान रोज थोड़े-थोड़े अच्छे कर्म और मेहनत करे तो भविष्य में उसको सफलता के मीठे फल मिलते हैं।"

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by vidhisharai

#story prompt 7#microfable contest

21 Feb, 2024