दौड़ता रगों में एक सा खून है

धर्म के नाम पर हमेशा से राजनीति होती आई है और इस चक्कर में कई और लोग फायदा उठा लेते हैं तो अगर हम छोटे छोटे कदम उठाएं तो बदलाव की शुरुआत हो सकती है

Originally published in hi
Reactions 0
584
Varsha Sharma
Varsha Sharma 30 Dec, 2020 | 1 min read
#advise #contest #dharm#vishwas#

अरे !!!यह क्या सजा रहे हो भाई तुलसी दिवस मनाओ अपनी संस्कृति को क्यों भूलना???

नहीं दादी ...हम अपनी संस्कृति को कहां भूल रहे हैं ?नई-नई संस्कृतिया सीख रहे हैं | आज टीचर ने सभी को क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए बोला है |ऑनलाइन क्लास में मेरे सभी दोस्त करेंगे असलम ,जॉन ,गोगी हम सभी करेंगे| यह भी स्कूलों के नए-नए चओच्ले हैं,"  दादी बोली

क्या असलम भी करेगा ????हां दादी असलम तो बहुत सुंदर ट्री सजाता है अब लास्ट ईयर भी उसने बहुत सुंदर सजाया था आप देखना.. पता नहीं क्या सीख रहे हो ???स्कूलों में??

बहू भी सुन रही थी तो बोली

,"नहीं मम्मी !!!आजकल तो सभी बच्चे सभी त्योहारों को बहुत अच्छे से मनाते हैं और टीचर भी सबको सिखाते हैं "हां हमारी अपनी संस्कृति है उसे भी सब ध्यान में रखते हैं लेकिन मैंने भी देखा है जबसे क्रिसमस शुरू हुआ है व्हाट्सएप पर यही मैसेज चल रहा है तुलसी दिवस है ,बलिदान दिवस है ,क्या हमारे त्यौहार इतने छोटे हैं ???कि हम दूसरों के त्योहारों को अगर सेलिब्रेट करेंगे तो उनकी संस्कृति खत्म हो जाएगी.....

नहीं ना .......जैसे हम उनके त्योहारों को अपनाते हैं वह भी दिवाली पर हमारे साथ पटाखे छुड़ाते हैं और ज्यादातर आप देखोगे नवरात्रि पर दुकान जो लगती हैं वह सभी लोग मुसलमान होते हैं बस यह हमारी पुरानी मान्यता चल रही है कि हमें अपने धर्म को सर्वोपरि बताना है |सभी धर्म एक से हैं अभी पिछले महीने राजू के पापा का एक्सीडेंट हुआ था ,तो असलम के पिता ने ही उनको खून दिया था जब खून का रंग कोई फर्क नहीं करता तो हम इंसान फर्क क्यों करते हैं????

और कोरोना के चलते आप लोग तो आ नहीं पाए......तो इस बार गणपति लाने में भी जॉन के पापा ने हमारी मदद की थी |, ईश्वर ने तो हमें इंसान बनाया था हम लोग ही आपस में एक दूसरे को बांट कर रखते हैं|


हां भाई सही कह रही हो तुम ......गांव में भी तो हिंदू मुसलमान सब एक साथ मिलकर ही रहते हैं ,तो क्या हुआ यहां शहरों में 4 तरीके के लोग मिलकर रहते हैं बल्कि अच्छी बात है अब समझ में आ गया हमें भी अपने आप में ही बदलाव लाना होगा क्योंकि बच्चे तो अपने आप में बदलाव ला रहे हैं अपनी संस्कृति को अपनाते हुए दूसरे की संस्कृति की बातें भी सीख रहे हैं अब हम बड़ों को भी बदलना होगा|

हां मम्मी !!!आप देखोगे न्यूज़ में भी राजनेता इन चीजों का फायदा उठाते हैं अगर हम आपस में सब प्यार से रहेंगे तो कोई नेता इस विषय पर कभी राजनीति नहीं कर सकेगा.....

हां सही कह रहे हो बेटा चलो!!!मैं भी तुम्हारी मदद करती हूं इस पेड़ को सजाने में...... अब

 क्रिसमस डे सेलिब्रेशन में ऑनलाइन क्लास में राजू ने अपनी दादी को भी साथ में बिठाया दादी को भी बहुत अच्छा लग रहा था सभी बच्चे लाल और सफेद रंगों में रंगे हुए थे दादी भी सैंटा बनकर बैठी थी|

0 likes

Published By

Varsha Sharma

varshau8hkd

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.