हमाम की यादे

90 का दशक जिसे सभी याद करते हैं जिसने भी वक्त जिया है वह सारी जिंदगी नही भूल पायेगा चाहे कुछ मुश्किलें थी पर जिंदगी बहुत खूबसूरत थी

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 10 Jul, 2021 | 1 min read
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अरे!!! अश्विंन तुमने इस बोतल में से लिया था ??

,"हां थोड़ा सिर चिपचिपा हो रहा था तो मैंने सोचा शैंपू कर लेता हूं ?? , "

"भई वह शैंपू नहीं था वह कंडीशनर था|, "


एक तो बाथरूम में इतने सामान रखे हैं कि समझ में नहीं आता क्या क्या लगाऊं,

अच्छा भला मेडिकल स्टोर सा लगता है| हमारे समय में तो ऐसा नहीं होता था ,क्या तुम बाबा आदम के जमाने के हो ?????, "

,"नहीं नहीं 90 के दशक की यादें ताजा हो गई, एक साबुन ही तो होता था , वह भी डेटॉल या लक्स या हमाम और अच्छी खुशबू के लिए सर से लेकर पांव तक बस वही यूज़ करते थे |आज तो ना जाने कितने प्रोडक्ट हैं, सर से लेकर पांव तक के अलग-अलग प्रोडक्ट सर में ही देख लो मैं कंफ्यूज हो जाता हूं इन चीजों में सर में शैंपू लगाओ कंडीशनर करो और जाने क्या क्या????लगाओ सर में 10 प्रोडक्ट है लगाने के लिए हे !!!भगवान आजकल के जमाने के लोग बेचारे कैसे मैनेज करें? ??इससे अच्छा तो 90 का दशक था |

हां कह तो आप सही रहे हो हमें भी याद है कि शैंपू तो किसी शादी या फंक्शन में जाने के समय ही लगाते थे| वह भी पाउच में लेकर आते थे ,आजकल तो बड़ी बड़ी बोतल ले आ कर रखी जाती है पहले ही ,


,"हां जब मैं छोटी थी तो मैं सोचती थी कि यह शैंपू बालों में लगा छोड़ देते होंगे तभी इनके पास से इतनी अच्छी खुशबू आती है| कई बार तो मैंने ऐसा किया भी, " सच में कितने एक्सपेरिमेंट कर लेते थे हम लोग उस समय, बाद में जाकर पता चला कि परफ्यूम भी कोई चीज होती है|, " कहकर राधा खिल खिलाने लगी



,"जैसा समय बदल रहा है उस चीज की कीमत भी लोगों की नजरों में घट रही है आज बच्चों को उन चीजों की अहमियत नहीं पता एक साबुन से ही नहा कर ही कितना तरोताजागी लगती थी | और माँ तो तेल भी लगाकर कितना रखती थी वहीं सिर पर लगा देती थी वही तेल शरीर पर, "

सामने बैठी बिटिया बोली

,"अच्छा मम्मी सिर पर तो बाल बढ़ाने के लिए तेल लगाते हैं, तो क्या बॉडी पर बाल नहीं आ जाते थे ???,"

अरे!!!सब यह आजकल के जमाने के चोचले हैं बेटा उस जमाने में मालिश करना भी एक बड़ा काम होता था| और मालिश के लिए होता था सरसों का तेल


आजकल तो लोगों के पास फुर्सत ही नहीं है सर में तेल लगाने की| कितने दिन निकल जाते हैं बिना तेल लगाए,


",हां मां हमेशा संडे को नहला धुलाकर सबके सिर में तेल लगा देती थी, " अश्विन बोला और हम मना भी नहीं करते थे|

राधा और अश्विन 90 के दशक की यादों में खो गए बच्चों को बताने लगे कि किस तरीके से टीवी देखते थ? कैसे पढ़ाई करते थ??और आज इतनी सारी चीजें उन्होंने सीखी हुई है तो गर्मियों की छुट्टियों में टाइम पास करने के लिए सीखी थी जो आज उनके काम आ रही हैं आजकल तो मोबाइल और लैपटॉप पर व्यस्तता बढ़ गई है 90 के दशक की शायद ही कोई बात भूल पाए|


90 का दशक एक ऐसा दौर था जहां सभी लोगों ने खूब मजा किया प्रकृति के नजदीक भी थे| और लोग खुश भी थे लेकिन आज तरक्की कर ली है लेकिन वह खुशियां कहीं गायब सी हो गई है| आप कमेंट में बताइए कि आप क्या मिस करते हैं 90 के दशक का? ? ?


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Varsha Sharma

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