अरे !!,"बहु यह ठीक से नहीं किया, "
आरुषी, "मुझे तो ऐसा ही आता है और इतना ही टाइम है , (मन ही मन बोली कि आप खुद कर लो")
देखा!,"कैसी जबान चल रही है??
हे भगवान !"तुम दोनों फिर शुरू हो गई, मैं तो तुम दोनों सास- बहू की लड़ाई में से परेशान हो गया हूं जी करता है कहीं जाकर आत्महत्या कर लूं | बिल्कुल सैंडविच बन कर रह गया हूं |बहुत देर से दोनों की बहस सुनते हुए आरव एकदम से गुस्सा हो गया,
कौन कहेगा तुम दोनों पढ़ी लिखी हो, एक अफसर की मां है ,और एक अफसर की बीवी यहां तो घर में रहना ही मुश्किल हो रहा है ,"
कहते हुए गुस्से से बाहर निकल गया|
दोनों सास बहू अपने अपने कमरे में गुस्से में जाकर बैठ गई| आज छुट्टी थी.....तो सोचा अपने दोस्तों के पास चला गया होगा, नाश्ता तो कर ही लिया था |लेकिन जब लंच तक भी नहीं आया और उसका कोई फोन भी नहीं आया तो सासु ने बोला कुछ पता भी है कहां गया है????? बहू बोली मुझे क्या पता आपका बेटा है???खुद बात कर लो |गुस्से में सासू मां ने फोन मिलाया तो फोन पर बेल जाती रही किसी ने फोन नहीं उठाया ????मां को चिंता होने लगी उधर टाइम भी ज्यादा हो रहा था पत्नी को भी चिंता होने लगी पत्नी ने फोन लगाया तो किसी लड़की ने उठाया और हेलो कहने के बाद फोन काट दिया | अब पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर था वह सासु के पास गई और बोली मैंने अभी उनको फोन किया था और फोन पर किसी लड़की की आवाज आ रही थी |तू कहना क्या चाहती है???मेरे बेटे पर इल्जाम लगा रही है ऐसे संस्कार नहीं दिए हैं मैंने,
यह तो सर्वविदित है कि हर मां को अपना बेटा श्रवण कुमार लगता है जबकि यह तो बीवी को ही पता होता है कि उसमें कितने सुधार की जरूरत है|
लेकिन मन ही मन सास बहू दोनों डर रही थी कि कहीं घर के झगड़ों से तंग आकर कहीं बाहर,......नहीं नहीं नहीं
अब शाम होने को आई और अभी तक नहीं पहुंचा था| अब दोनों को चिंता होने लगी फोन पर फोन किए जा रहे हैं लेकिन कोई फोन का जवाब नहीं दे रहा |अब सासु मां ने भी कहा ,"बेटा बेटे को इतनी तकलीफ होती है तब तो अब मैं तुझसे नहीं लडूंगी ,बहू भी बोली नहीं मम्मी जी ,"आप तो मेरे फायदे के लिए कहती हैं लेकिन मैं ही गुस्से में आ जाती हूं" अभी थोड़ी नासमझ हूँ, " .......
हां तुम तो नासमझ ही रहोगी हमारे जमाने में देखो हम कितने समझदार थे और कह कर दोनों हंसने लगी अब दोनों ने निश्चय किया कि आरव को सैंडविच नहीं बनने देंगे
तभी सासू मां बोली ,"कहीं हम दो बिल्लियों की लड़ाई में कोई बंदर फायदा ना उठा जाए तु बता कौन लड़की बोल रही थी ,???फोन पर| ,"पता नही मम्मी ,"बहू ने कहा
, "ऐसे कैसे मैं बिगड़ने दूंगी जैसी भी है तू ही मेरी बहू है आज बात करते है आने दे ," सासु बोली
तभी बेल बजी है आरव उदास सा दरवाजे पर खड़ा है| दोनों बिना कुछ पूछे डिनर की तैयारी करती हैं |अच्छे से खाना खाने के बाद मां पूछती है अब बेटा दिन भर कहां रहा??? आप दोनों को तो अच्छा टाइम मिला होगा खूब लड़ने के लिए" आरव ने व्यंग्य किया
मैंने फोन किया था तो किसी लड़की ने उठाया था |
आरव, "क्यों डर गई थी कि किसी लड़की ने फोन उठाया
मतलब.....
मैं जब गुस्से में निकला तभी मुझे रिया का फोन आया रिया तलाक के लिए कोर्ट में थी और उसको मेरी हेल्प की जरूरत थी इसलिए मैं उसकी मदद करने के लिए गया था | मेरा फोन कुछ देर उसके पास था फिर बाद में कोर्ट में जाने के कारण मुझे जमा कराना पड़ा|
आप दोनों सास बहू की सांस में सांस आई|
, "तलाक हो गया"
"हां मां"
कितना आसान होता है ना तोड़ना, "क्या कर सकते हैं???मां भी कहती है हां बेटा तोड़ना तो आसान है बस जोड़कर रखने वाला ही लोगों की नजरों में चुभने लग जाता है |
और तुझे पता है ,"मैंने और बहू ने भी कभी ना लड़ने का फैसला किया ,"|
" अरे वाह!!!मेरे लिए सपने जैसा हो गया "आरव बोला
सभी गिले-शिकवे दूर हो गए तो सास ने भी कहा "अब बेटा मेरी तरफ से तो तुझे कोई शिकायत नहीं मिलेगी और पत्नी ने भी कहा कि ,"मैं भी इतनी नादान नहीं हूं कि अपने घर को बर्बाद करूं मैं भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगी घर में कोई क्लेश ना हो|, "
सुबह उठते हैं तो नाश्ते की तैयारी हो रही है आरव पूछता है आज नाश्ते में क्या बना रही हो |
दोनों सासू मां और बहू एक साथ बोलती है "सैंडविच, "देख कर हंसने लगा......कि चलो मेरा सैंडविच बनाना तो छोड़ा आप दोनों ने अब यह सैंडविच तुम्हें खुशी-खुशी खा लूंगा, "
और सब हंसने लगे
सखियों कई बार घर की छोटी-छोटी बातों से परेशान होकर पति लोग सैंडविच बन कर रह जाते हैं तो यह भी महिलाओं की जिम्मेदारी है कि उन्हें सैंडविच ना बनाया जाए क्योंकि दोनों आखिर चाहते तो उसी का भला है |
और महिलाएं चाहे तो क्या नहीं कर सकती
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