जिंदगी का ताला खुला

Lockdown mein Kahi Rishte sudhar gaye Ek kahani

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 01 Jul, 2020 | 1 min read
  • "एक बार फिर सोच लो नेहा", कई लोग तलाक लेने के बाद पछताते हैं| वकील साहिबा ने कहा
  • सोच लिया मुझे नहीं रहना |ऐसी जगह में जहां मुझे नौकरानी से ज्यादा नहीं समझा जाता| और राजेश भी तो कुछ नहीं कहते मुझे बस तलाक ही चाहिए| राजेश और नेहा का एक छोटा बेटा है | दोनों में प्यार तो है लेकिन छोटे-छोटे इगो प्रॉब्लम के चलते दोनों तलाक लेना चाहते हैं |आखिर दोनों जॉब करते हैं |कोर्ट में केस चल रहा है अभी नेहा  अपने पापा के घर है |शनिवार को वह अपने ससुराल से सारा सामान लेने जाती है| क्योंकि  सोमवार को कोर्ट में तारीख है और सोमवार को फैसला हो जाएगा संडे को जनता कर्फ्यू की अपील की जाती है |जिसे सब लोग मानते हैं और संडे रात से लॉक डाउन शुरू कर दिया जाता है| अब नेहा आना चाहते हुए भी अपने घर वापस नहीं जा पाती| बेटे और मां को वहीं रुकना है | यह सुनकर नेहा उदास हो जाती है| और रोने लगती हैं |राजेश बोलता है मैं तुम्हें छोड़ आऊंगा |नेहा रूकना तो नहीं चाहती लेकिन सरकारी आदेश का भी पालन करना है |और घर से बाहर निकलना भी सेफ नहीं है मायका काफी दूर है |भाई का फोन आता है कि मैं बाइक पर लेने आ जाऊं | लेकिन नेहा को पता है कि बाइक पर जाना भी सेफ नहीं है और भाई को अकेले आने में कहीं पुलिस पकड़ ले |आने  में टाइम लगेगा |इसलिए नहीं मना कर देती है| नेहा किसी से बात नहीं करती ना ही खाना खाती है| शाम को राजेश खाना लेकर आता है |और बोलता है खा लो नहीं तो बेटे का ध्यान कैसे रखोगे| और केस कैसे लडोगी | नेहा चुपचाप खाना खा लेती हैं |ज्यादा बड़ा परिवार नहीं है बस सास ससुर हैं और इकलौता बेटा राजेश| एक बहन की शादी हो गई है | सब पोते के साथ खेलते रहते हैं फिर लेट तक सोते हैं सुबह किसी को कहीं जाना नहीं है |इसलिए छुट्टी है |सासू मां उठ कर रसोई में नाश्ता बना रही है | अब नेहा को लगता है कि थोड़ा उनकी मदद करनी चाहिए |आखिर वह भी बुजुर्ग ही है |नेहा रसोई में जाती है और सबके लिए चाय बना लेती हैं और अपनी चाय कमरे में ले जाकर बैठ जाती है | सब नेहा से बहुत प्यार करते हैं पर , वह कभी इसे समझ ही ना पाए |अब बेटा भी उठ गया दादा दादी के साथ खेल रहा है |सासू मां ज्यादा काम नहीं बोलती जो खुद से होता है कर लेती है मतलब मायके से भी ज्यादा आराम से रह रही है | राजेश भी मम्मी के साथ मिलकर खाना बनाते रहते हैं | और बेटे में तो जैसे उनकी जान बसती है |नेहा सोचती है कि उसे क्या प्रॉब्लम है??क्यों राजेश से तलाक चाहिए एक छोटे से बच्चे से उस के  पापा, दादा ,दादी सब छीन रही है |अपने ईगो के चक्कर में | अब नेहा मे बदलाव आना शुरू हो जाता है |राजेश भी सोचता है कि हमारे मां-बाप और बच्चे दोनों खुश हैं |मुसीबत में नहीं है टीवी में देखते हैं कैसे गरीब लोग खाने के लिए भी तरस रहे हैं| और इस बीमारी को लेकर एक डर सा बैठ गया है राजेश भी चाहता है कि नेहा और बेटा सही रहे और साथ रहे |बीमारी ने 1 तथा उसके अंदर बैठा दिया | राजेश जाकर सैनिटाइजर ले आया और जब भी बेटे को हाथ लगाता कुछ खाने को देता तो सेनीटाइजर यूज़ करता | घर में भी उसने सबको यही हिदायत दे दी |  नेहा और राजेश दोनो सोचने लगे कि हम बेटे को और घर वालों को भी परेशान कर रहे हैं  एक हफ्ता हुआ था साफ सफाई का ध्यान रखता था| राजेश बाहर से सामान लाता नेहा उसकी साफ-सफाई करते |इस तरह दोनों को एक साथ रहने का मौका भी मिल रहा था | 21 दिन के लॉक डाउन ने  उनकी जिंदगी में लगने वाला लॉक खोल दिया | धीरे-धीरे उनके बीच प्यार का बीज प्रस्फुटित हो रहा था| सास ससुर से भी अच्छे से बात करने लगी |थोड़ी बहुत राजेश के साथ हंसने बोलने लगी | मां से भी अपने हर दिन बाद करती थी| आज तो मां को भी फोन करना भूल गई |घर में ऐसे रंग गई |मां का फोन आया बोली बेटा !!सब ठीक तो है तूने फोन नहीं किया ? नेहा बोली कि हां मम्मी......समय नहीं मिला अच्छा काम करा रहे हैं ?? ससुराल में सब |वह बोली..नहीं नहीं मम्मी काम नहीं करा रहे सब बहुत अच्छे हैं |हम सब मिलकर बैठे हैं टीवी देख रहे हैं कैरम खेल रहे है | तो क्या तुम जिंदगी को एक मौका और देना चाहोगे??? क्योंकि मां को नेहा की आवाज में वही शादी के बाद वाली खुशी झलक गई थी| हां .....माँ मुझे भी कुछ ऐसा ही लग रहा है कि मेरा अगला कदम होगा| कोर्ट से केस वापस लेने का |क्या यह सही होगा मां ??हां मेरे बच्चे यह निर्णय बिल्कुल सही है |लॉक डाउन खुल जाए तो मैं सबसे पहले करूँगी| और कह कर रोने लगी | राजेश नेहा को रोते देख कर डर गया और पूछा वहां सब ठीक है | रोते हुए देखा तो गले से लगा लिया | और दोनों के सारे शिकवे शिकायत इस लॉक डाउन मे  बह गए | एक तरीके से उनके अच्छा साबित हुआ इन छोटी-छोटी समस्याओं को उन्होंने बहुत बड़ा बना दिया था| वह साथ रहकर सब सुलझ गई | आज फिर नेहा को लग रहा था जैसे उसका इस घर में दोबारा आगमन हो गया| नेहा की माँ भी फोन पर सासु मा ससुर जी से बात कर रही थी और सभी बहुत खुश थे|
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Varsha Sharma

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