एक दूजे के लिए( दूसरा भाग)

साहिल और सिमरन की कहानी कैसे बड़ी आगे क्या मोड़ आया उनकी जिंदगी में जानने के लिए पढ़िए कहानी का दूसरा भाग

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Teena Suman
Teena Suman 28 Aug, 2020 | 1 min read

पहले भाग में आपने पढ़ा कैसे सिमरन मुंबई आई| किस तरह सिमरन की मुलाकात साहिल से हुई| साहिल सिमरन का दीवाना हुआ अब पढ़िए उसके आगे

मानवी साहिल की बहन ,मानवी ने झुमकी को पहन कर फोटो लिया ,और वह फोटो अपनी मां को भेजा| माँ ने वह फोटो साहिल को दिखाया| साहिल को झुमके का डिजाइन पसंद आया पर अचानक उसकी नजरें उस फोटो में कहीं टिक सी गई |मानवी के पीछे वही प्यारी सी मुस्कान लिए वही प्यारा सा चेहरा नजर आ रहा था| जो इतने दिनों से साहिल की दिन का चैन और रातों की नींद उड़ाई हुए था यानी सिमरन का चेहरा |

साहिल ने मानवी को फोन मिलाया और उससे पूछा तुम अभी कहां पर हो| मानवी ने कहा भाई मैं एक ज्वेलरी एग्जीबिशन में हूं और यही पर मुझे यह झुमकी पसंद आई है |साहिल ने मानवी से वहां का पता लिया और निकल पड़ा| मां को कुछ समझ में नहीं आ रहा था आखिर क्या हो गया |साहिल यकायक ऐसे कैसे उठ कर चल दिया| जैसे ही साहिल ज्वेलरी एग्जीबिशन में पहुंचा वहां खड़े सारे फैंस ने उसे घेर लिया |सब अचानक साहिल को वहां देख कर चौक गए |क्योंकि साहिल का उस ज्वेलरी एग्जीबिशन में आने का कोई प्रोग्राम नहीं था ना ही कोई शेडूल था| ना किसी को कोई इसकी जानकारी थी| साहिल अपनी बहन मानवी तक पहुंचा मानवी अभी भी सिमरन की शॉप के पास खड़ी थी| अपने भाई साहिल को देख कर मानवी भी थोड़ा हैरान सी रह गई |मानवी ने पूछा "भाई आप यहां" , साहिल ने मजाक में कहा "तुमने ही कहा था ना मेरी पसंद अच्छी है मैं आ गया अब बताओ कौन सी वाली झुमकी लेनी है तुम्हें आखिर भाई हूं तुम्हारा" मानवी ने साहिल को सिमरन से मिलवाया और कहा "भाई यह सिमरन है और यह सारी ज्वेलरी इन्हीं की डिजाइन हुई है "|

"सिमरन काफी अच्छा नाम है तुम्हारा "साहिल ने कहा |सिमरन को सुनकर अच्छा लगा |उसे अभी तक यह यकीन नहीं हो पा रहा था ,कि उसके सपनों का राजकुमार आज उसके सामने है| उसके इतना पास है उससे बात कर रहा है| सिमरन ने साहिल के साथ फोटो खिंचवाए साथ ही दोबारा उसका ऑटोग्राफ भी लिया |साथ ही सिमरन की फ्रेंड गोरी और उसके कॉलेज के दूसरे दोस्तों ने भी साहिल का ऑटोग्राफ लिया |उसके साथ फोटो खिंचवाया| साहिल भी बड़ी खुशी खुशी यह सब करता रहा |क्योंकि उसे तो सिर्फ और सिर्फ सिमरन का साथ चाहिए था |

इन सब से बेखबर सिमरन यह सोच कर खुश थी चलो आज साहिल को इतने पास देखने का उससे बात करने का मौका तो मिला |मानवी ने सिमरन के कलेक्शन से 2-3 जोड़ी ईयररिंग लिए रिंग और नेकलेस भी लिए| साहिल ने मानवी को चिढ़ाते हुए कहा ' अच्छा बस इतना ही और कुछ भी लेना है तो, देख ले मुझे पता है तुझे ज्वेलरी काफी अच्छी लगती है' |आज मानवी अपने भाई का यह रूप देख कर थोड़ा अचरज में थी |क्योंकि साहिल को ज्वेलरी वगैरा में कोई ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था |यह वह जानती थी मगर ,भाई आज ऐसा बिहेव क्यों कर रहे हैं| वह जानना चाहती थी पर वहां कुछ ना पूछ सकी |साहिल ने सिमरन से बात की -"सिमरन तुम्हारी ज्वेलरी की डिजाइन काफी अच्छी है, काफी अच्छा डिजाइन करती हो तुम"|

साहिल के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर सिमरन को अच्छा लगा मन ही मन काफी खुश हुई| अपनी बहन के बहाने साहिल ने सिमरन से कहा-" सिमरन तुम अपना नंबर दे दो ताकि अगली बार अगर मानवी को ,तुम्हारी ज्वेलरी चाहिए हो तो तुम्हें वह कॉल कर सके"| मानवी यह सब सुनकर थोड़ा हैरान थी वैसे सिमरन की ज्वेलरी की डिजाइन उसे भी काफी पसंद आई| तो उसने साहिल की बातों से सहमति जताते हुए सिमरन से कहा हां सिमरन तुम मुझे अपना नंबर दो 3 महीने बाद मेरी फ्रेंड की शादी है |मुझे उसके लिए कुछ ज्वेलरी चाहिए मैं तुम्हें ज्वेलरी के लिए ऑर्डर दूंगी| सिमरन को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था ,उसकी ज्वेलरी साहिल और उसकी बहन दोनों को इतनी अच्छी लगी ,और साथ ही उसके पहला ऑर्डर साहिल की बहन का था |

इतने बड़े मौके को सिमरन हाथ से गवाना नहीं चाहती थी |उसने अपना नंबर मानवी को दे दिया |

साहिल के घर पर -,"भैया आपने बताया नहीं आप ज्वेलरी एग्जीबिशन में क्यों आए थे, और आपको कब से ज्वेलरी में इंटरेस्ट आने लगा जरा मुझे बताइएगा? और आपने उस ज्वेलरी डिजाइनर के नंबर के लिए क्यों ??देखिए भैया सही सही बताइए मैं आपकी बहन हूं मुझसे कुछ छुपाने की जरूरत नहीं है आपको !!"साहिल ने मानवि की बातों का कोई जवाब नहीं दिया| वह मानवी को टालता रहा"- अरे यार कुछ नहीं बस तेरे लिए तुझे ज्वेलरी पसंद है ना बस !इसलिए और तुझे सिमरन की ज्वेलरी अच्छी भी तो लगी थी"|

*सिमरन *अच्छा बड़ा नाम याद है आपको उसका, इतने सारे लोगों से मिलते हैं इतने सारे लोगों से बात करते हैं,| मेरी कितनी फ्रेंड के नाम है जो आपको चार पांच साल तक भी याद नहीं होते ,और उस ज्वेलरी डिज़ाइनर का नाम एक बार में याद हो गया क्या बात है ???भैया क्या चल रहा है??" मानवी अपने भाई की आंखों को पढ़ चुकी थी| साहिल भी यह बात जानता था कि मानवी से कुछ नहीं छुपा सकता |उसने सारी बात मानवी को बताई |चार दिन बाद सिमरन जयपुर आ चुकी है, अपने पापा के साथ वह एक शॉप देख रही है अपनी ज्वेलरी का बिजनेस स्टार्ट करने के लिए ,और उसकी किस्मत देखिए एक अच्छी सी शॉप उसको मिल चुकी है |15 दिन बाद आज उसका शुभारंभ है| अपनी पूरी शॉप को सिमरन ने बड़े प्यार से सजाया है, गोरी भी उसके साथ है|

फोन की रिंग बजी, सिमरन ने अपना फोन उठाया फोन मानवी का था| मानवी ने उसे बताया उसको अपनी फ्रेंड की शादी के लिए ज्वेलरी चाहिए, और इसी सिलसिले में वह जयपुर आना चाहती है |उसकी ज्वेलरी को देखने के लिए ,सिमरन ने बिना एक पल की देर कीये मानवी को हां कर दी और अगले एक हफ्ते बाद मानवी सिमरन की शॉप पर थी |मानवी के साथ उसके दो- तीन बॉडीगार्ड और दो सहेलियां भी थी |सिमरन ने मानवी को अपना न्यू कलेक्शन दिखाया| मानवी को सारी ज्वेलरी अच्छी लगी, इसी बीच सिमरन ने एक बॉडीगार्ड की हरकतों को देखा| वह कुछ अलग सा नजर आ रहा था जेसे कोई जाना पहचाना सा चेहरा| मानवी चली गई ज्वेलरी लेकर ,और अगले 1 महीने बाद के लिए ऑर्डर देकर चली गई |आज एक महीने बाद मानवी फिर आइ साथ ही उसका वही बॉडीगार्ड है ,जो सिमरन को थोड़ा अलग लगा था |"तुम्हारी शॉप तो काफी अच्छी है, क्या मैं पूरी शॉप देख सकती हूं "?मानवी ने सिमरन को कहा| सिमरन ने हां कहा |सिमरन ,मानवीऔर मानवी का बॉडीगार्ड तीनों शॉप को देखने लगे, इसी बीच मानवी वॉशरूम चली गई |वहां पर रह गए बस सिमरन और बॉडीगार्ड| सिमरन ने फिर ध्यान से बॉडीगार्ड को देखा ,उसका चेहरा फिर उसे जाना पहचाना सा लगा ,कुछ अपना सा लगा|" आपने मुझे पहचाना" उस बॉडीगार्ड ने कहा |*साहिल *एकाएक सिमरन की मुंह से निकला |"आप यहां ऐसे"|" हां मैं अपनी बहन के साथ यहां आया हूं आप जानती है मैं अपनी बहन को ऐसे अकेले नहीं भेज सकता ,और क्योंकि लोग मुझे जानते हैं तो अपना भेष बदलकर आया हूं "|सिमरन मन ही मन काफी खुश थी उसे साहिल से मिलने का एक और मौका मिला था ,पर ऐसे उसने भी नहीं सोचा था |

सिमरन अपनी शॉप पर ज्वेलरी डिजाइन कर रही है!! तभी उसका फोन बजा "हेलो सिमरन मैं साहिल" एक पल को सिमरन को यकीन नहीं हुआ, उसने दोबारा पूछा* आप साहिल हो *उधर से जवाब हॉ आया", मानवी आपकी ज्वेलरी की काफी तारीफ करती है, साथ ही मां को भी आपकी बनी डिजाइन काफी अच्छी लगती है जल्दी ही मानवी फिर से आपकी शॉप पर आएगी ,और इस बार मां के लिए ज्वेलरी लेनी है |तो आप प्लीज मां के अनुसार कोई अच्छी सी डिज़ाइन बनाइएगा |"|"जी हां जरूर और शुक्रिया, मेरी बनाई गई डिजाइन को इतना पसंद करने के लिए, मुझे आपकी फिल्में बहुत पसंद है ,आप पिछली बार शॉप पर आए थे आपसे बात नहीं हो सकी ,और अब बात हो रही है, मैं आपको बताना चाहती हूं कि कितनी बड़ी फैन हूं |आपको पता है मेरा पूरा रूम आप के पोस्टर से भरा हुआ है ,आप मेरे फेवरेट है" |साहिल सिमरन की बातों को सुनकर मुस्कुराने लगा, एक पल को सिमरन को लगा उसने ऐसा क्या कह दिया , और फिर सिमरन भी मुस्कुराने लगी|यह पहली बार था जब उसने खुलकर साहिल से बात की|

वही ये सिलसिला चल पड़ा हफ्ते में एक बार साहिल का फोन आता ,और वह सिमरन से बात करता| सिमरन समझ नहीं पा रही थी, वो साहिल की बातों में खोती जा रही थी| साहिल हमेशा मानवी के गहनों को लेकर और ,अपनी मां की गहनों को लेकर उसे बातें करता| साथ ही वह सिमरन की पसंद उसकी ख्वाहिशे इन सब के बारे में भी पूछा करता |धीरे-धीरे यह बातें दोस्ती में बदल चुकी थी |एक बार को सिमरन ने पूछा भी -"साहिल आप इतने बड़े अभिनेता हो ,मेरे जैसे कितनी लड़कियां होंगी जो ,आपकी दीवानी होगी जो आपको पसंद करती है ,आप की फिल्मों को इतना देखती है आपको इतना चाहती है ,शुक्रिया मुझसे बात करने के लिए और मुझे अपना दोस्त बनाने के लिए ,"|और साहिल मुस्कुरा देता !!!और वह कहता भी क्या ??कैसे कहता कि तुम सिर्फ मेरी दोस्त नहीं हो मेरे लिए बहुत कुछ हो, पर शायद इन सबके लिए सही वक्त नहीं था| साहिल सिमरन की यादों में खोया रहता उसका मन बेचैन रहता| सिमरन से बात करने के लिए और सिमरन भी जब तक साहिल से बात ना हो जाती उसे चैन नहीं मिलता |आखिर यह क्या था ??दोनों के बीच जो दोनों को एक कड़ी में बांधे हुए था |सिमरन के लिए यह सब एक सपने जैसा था उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था |उसके सपनों का राजकुमार उसका फेवरेट एक्टर उससे बात करता है, उसको जानता है और *चाहता *पता नहीं यह चाहत है कि क्या है...........

शेष अगले भाग

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