मासूमों की सुरक्षा

गैजेट्स की दुनिया जितनी आसान और खूबसूरत लगती है हकीकत में ज़िन्दगी को बहुत जटिल करती जा रही है |

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 13 Jul, 2020 | 1 min read

6 वर्षीय बेटी के लिए मोबाइल पर कार्टून्स लगा सुनंदा अपने काम में व्यस्त हो गयी| कुछ काम से किचन से बाहर निकल ड्रॉइंग रूम की तरफ आई, जहाँ उसकी बेटी बैठी थी तो उसकी साँस हलक में अटक गयी| देखा उसकी बेटी बालकनी की खिड़की से नीचे कूदने की कोशिश कर रही है| किसी तरह उसने खुद को संभालते हुए धीरे से उसे पीछे से जाकर पकड़ा और अपने सीने से चिपका लिया| थोड़ा संयत होने के बाद जब उसने पूछा कि आप क्या कर रही थी बेटा ये? तो उसने मासूमियत से जवाब दिया, मोबाइल में तोई (कोई) चैलेंज दीथा (दिखा) रहा है, जिसमें विंडो ते( jump out of the window ) के नीचे जंप करने को कहा गया अच्छे बच्चों को |

कहानी नहीं है, हकीकत है आजकल की| कुछ दिन पहले ही हमारे सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप में ये मैसेज आया कि बच्चे के साथ कार्टून देखते हुए किसी घोस्ट कैरक्टर ने अचानक बच्चों को (jump out of window) जैसा इंस्ट्रक्शन दिया| हम सबने चेक किया, रिपोर्ट की, पर सोशल मीडिया के अराजक तत्वों द्वारा जो दुरुपयोग किए जा रहे हैं, न जाने कब कैसे घृणित और वीभत्स वारदातों का रूप ले लें| तो बेहतर है कि हम खुद ही अपने बच्चों के लिए कुछ सावधानियाँ रखें|

1- बच्चों को व्यस्त ही रखना है तो उन्हें किताबें, खिलौने, कलर, ड्रॉइंग इन सब चीजों के साथ व्यस्त रखें| क्या होगा अगर आपका घर इन सामानों के कारण थोड़ा फैला रहेगा, पर आपका बच्चा सुरक्षित रहेगा|

2- आजकल लेंग्वेज इम्प्रूवमेंट के लिए हम अलग-अलग भाषा में बच्चों को उनसे संबंधित कार्यक्रम दिखाते हैं, जरूर दिखाएं, पर मोबाइल पर नहीं TV पर और TV की आवाज इतनी रखें कि वो आपके कानों तक पहुंच रही हो |

3- बच्चे के हाथ में मोबाइल पकड़ाकर कभी सोने की गलती न करें |

4- घर में जो हिस्सा बच्चों के हिसाब से असुरक्षित है, वहाँ तक बच्चे न पहुंच पाएं, इसका ख्याल रखें |

5- आप कितने भी व्यस्त हों पर बच्चे क्या कर रहे हैं, क्या देख रहे हैं, इन सब बातों को कभी नजरअंदाज न करें |

6- जो कार्यक्रम बच्चे देखते हैं, उनके साथ कभी खुद भी बैठकर देखें और उसकी गुणवत्ता जांचे |

7- समय-समय पर बच्चों को समझाते रहें कि ये सब मनोरंजन के लिए काल्‍पनिक दुनिया है, असलियत में ऐसा कुछ नहीं होता |

आज की दुनिया जितनी आसान और तेज हो गयी है उतनी ही जटिल भी है, जहाँ मासूम बच्चों के प्रति हमारी जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ गयी है| इसलिए सावधान रहें, सतर्क रहें और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें |


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धन्यवाद

सुरभि शर्मा

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