मुखौटा

सच क्या है? अखबार में छपी खबरें या सामने जो घट रहा है वो!

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 16 Aug, 2022 | 1 min read

*मुखौटा *



रिटायरमेंट के बाद गोपालदास जी का सबसे प्रिय काम था सुबह की सैर के बाद आँगन में बैठ चाय की चुस्कियों के साथ अखबार पढ़ना , पर आज वो बैचैन से सुबह सुबह आँगन से कमरे और कमरे से आँगन में चहलकदमी कर रहे थे कारण कल शाम हाथ से छूटकर गिरने के कारण उनका चश्मा टूट जाना, और घर के सारे सदस्यों का अपनी दिनचर्या मे व्यस्त रहना, जिसके कारण आज सुबह सुबह वो देश विदेश की खबरों से अभी तक अनभिज्ञ थे |


       तभी उन्हें श्यामदास बाबू का अभिवादन सुनायी पड़ा, राम - राम भाई, और सब कैसा चल रहा है? गोपालदास जी मन ही मन पुलकित हो उठे और उन्हें भी चाय पीने का निमंत्रण दे डाला, और साथ ही साथ बातों में अपने चश्मे के टूट जाने के कारण अख़बार ना पढ़ पाने की असमर्थता जताते हुए उन्हें खबरें पढ़ कर सुनाने की पेशकश कर डाली |श्यामदास बाबू सहर्ष तैयार हो गये |

    

  1-आज की बेटियों ने बेटों की बराबरी करते हुए नभ, थल, जल हर जगह अपना परचम लहराया |

2- शिकारपुर में सांप्रदायिक दंगे में लगभग 30 लोग मारे गए |

3- 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म | 


4-10वीं की बोर्ड परीक्षा का रिज़ल्ट 95%|


5-ज्यादातर व्यवसाय में लोगों को विदेश गमन में ज्यादा रुचि|



दोनों मित्र खबरें पढ़ने सुनने में व्यस्त थे कि डाइनिंग टेबल ने गरमा गरम पकोड़ों और मसालेदार चाय की खुशबू को खुद पर सजा कर सबको अपनी और खींचने का प्रबंध कर लिया था |

चाय - पकोड़ों का लुत्फ उठाते हुए उन्हें एक ओर कमरे से पोती के ऊपर चिल्लाती दादी की आवाज सुनायी दे रही थी कि लड़की जात कितना भी पढ़ लिख लेवे, आसमान छू लेवे पर जब तक रोटी गोल बनावे न आयी कौनो कदर नेइखे लड़कियन के |और दूसरी तरफ गोपालदास जी का पोता देशप्रेम पर निबंध याद कर रहा था |


 मेरा देश बहुत महान है|यहाँ हम सभी नागरिक भाई बहन की तरह रहते हैं |हमारे देश में कन्या को देवी का स्थान दिया जाता है |हम अपने देश की सेवा के लिए अपना तन मन धन सब कुछ न्योछावर कर सकते हैं |

 और अब इधर चाय को निगलते हुए दोनों मित्र ये सोच रहे थे कि सत्य क्या है? अखबार में छपी खबरें, या फिर घर में पोती के साथ घट रहा है और जो पोता पढ़ रहा है वो!!!!!


 


सुरभि शर्मा

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