सामंजस्य रिश्तो में

In this century also, there are people who discriminate between a girl and a boy, which psychological effect their mind hence their relations too and on this situation, my poem is based on.

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sugandha singh
sugandha singh 31 May, 2020 | 1 min read

एक सामंजस्य की कमी ने दो रिश्तो को बर्बाद किया.... 

एक भाई ने अपनी बहन को खो दिया, तो दूसरी तरफ.. एक माँ से बेटी को लडा़ दिया !!

भेदभाव का दर्पण दिखलाकर... पिता ने घर की प्यारी बिटियाँ को दरार एक कहला दिया!! 

वो लड़का हैं, उसका एक दर्जा हैं.... कह कह कर, भाई बहन के बीच नफरत का बीज बुँआ दिया, 

और  

तू कन्या हैं, लड़की हैं, तू स्ञी हैं... तुझे पराए घर भेजने जाया हैं, यू बार बार लड़ कर, हठ बराबरी की ना कर, कह कर... अपने आंगन में चहकती चिड़िया को शांत करा दिया!! 

आखिर क्या करती, एक साधारण सी लड़की वो... यह जान कर....कि लड़कियों को तो इन्हीं बातों ने पराया बना दिया,  

और 

लड़के चाहे जो करें.... माता पिता से दूर रहें, उन्हें घर से निकाल दें, फिर भी जब मौका मिला सामंजस्य बिठाने का.... तो पिता ने फिर पराया बोल, अपनी बेटी को ठुकराया हैं,


बेटी को ठुकराया हैं !!!

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sugandha singh

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