ये जीवन है.. 3

जीवन के कडवै सच..

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 10 Aug, 2020 | 1 min read
Life Father Father love Hardtime

🙏ये जीवन है-३🙏


😱क्या शहनाई की आवाज भी कभी बुरी लग सकती है??.....क्या बैंड बाजा धूमधाम सहन नही होते ??


बात २००३ के जनवरी माह की है....मेरे पिता को गुजरे कुछ ही दिन हुए थे....हम आकंठ दुख मे डूबे थे...भूकंप की खबरे बहुत सुनी और देखी है...अभी तक , ईश्वर की दुआ से उसे face नही किया...लेकिन मै दावे के साथ कह सकती हूं कि भूकंप मे जिस तरह चरमरा के सब कुछ ढह जाता है...तो ऐसा ही लगता होगा जैसा उस वक्त हमे लग रहा था....।


मेरे पापा की मृत्यु अचानक सोते सोते हुई वे एकदम स्वस्थ थे उनकी उम्र केवल 54 वर्ष थी....पूरे घर की धुरी थे वो...मॉ तो एक साधारण घरेलू महिला थी.....अचानक आई वो अनचाही घडी किसी भूकंप से कम तो ऩही थी!..वो मृत्यु से हमारा पहला साक्षात्कार था....अपने सबसे करीबी की मृत्यु......।


हमारे घर के पास एक छोटा सा मंदिर है...गांव मे जब भी कोई शादी ...ब्याह होता है तो वहां पूजा की जाती है लोग बैंड बाजे के साथ पूजा पाठ करते है ....बचपन से हमने असंख्य बाराते वहां आती जाती देखी होगी....।

उस दिन भी बैंड बाजे के साथ धूमधाम से निकलती एक बारात उधर आई...।


लेकिन बहुत बुरा लगा वो जश्न ....वो आवाजें कानो को चीर रही थी....😪दुख की तीव्रता से जब दिल दिमाग थोडा सामान्य स्थिती मे आये तो मुझे ये अंर्तज्ञान हुआ कि यही तो इस संसार का सत्य है कि एक घर से अर्थी उठती है और एक घर मे शहनाई बजती है.....जीवन के कड़वे सच यही हैं.. .!🙏.हॉ ,यही जीवन है...🙏

😊sonnu Lamba 

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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

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  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    निःःशब्द

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    थैंक्यू कुमार संदीप 🙏

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