मैं और पेपरविफ..!

मेरी अभी तक की यात्रा पेपरविफ के साथ.. 🎉✍️

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 06 Oct, 2020 | 1 min read
Honour Love Relationship Myjourneywithpaperwiff Journey

किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने की कोशिश करती है.. "

डायलोग थोडा फिल्मी है... "

लेकिन सच भी यही है कायनात ने ही मुझे पेपरविफ से मिलाया...। 

नमस्कार दोस्तों, मैं सोनू लाम्बा, आज आपके बीच हूं... #my journey with paperwiff लेकर..।

सबसे पहले मैने अपनी फेसबुक फ्रैंडस की वाल पर पेपरविफ की पोस्ट शेयरिंग देखी थी, तब मैने उसे एक नजर देखकर इग्नोर कर दिया, फिर एक दिन इन्सटा स्क्रोल करते करते मैने पेपरविफ का पोस्टर कोन्टेसेट देखा, और मेरे क्रियेटिव मांइड में रह रह कर एक लाइन घूमती रही.. 

"लिफ्ट बाई वर्डस.. "

जिसे शब्दो से बेइंतहा प्यार हो, उसे ओर क्या चाहिए.. और मैने भी एक पोस्टर डिजाइन कर डाला,...!

उसे अपने सोशल हैंडल पर शेयर किया और साथ ही वेबसाइट पर जाकर.. अपना प्रोफाइल भी बनाया इस तरह मार्च २०२० से पेपर विफ के साथ मेरी जर्नी की शुरूआत हुई,


इस मंच की सबसे अच्छी बात ये है कि आपको यहां आकर बदलना नही है, आप जिस भाषा मे लिखना चाहते हैं, उसमें लिखिए, आप की जो शैली उसे बरकरार रखिए..! आपको खुद को बदलना नही है. 

इस तरह ,मैने १७ मार्च को अपनी पहली स्टोरी "सदमा" पेपरविफ पर लिखी !


उसके बाद.इस यात्रा में . साथ साथ चलते मैने अभी तक काफी कुछ लिखा, कईं कोन्टेस्ट में पारटिसिपेट भी किया, और जाहिर ही प्राइजिज भी जीतें.. उत्साह बढता रहा, फिर माइक्रोफेबल इन्टरोडयूस हुआ और १५ जून को मैने अपना पहला कवोट लिखा सुपर हीरो..!



"जो अंत तक रंगमंच पर डटा रहे, वही सुपर हीरो.. '"

और इस तरह शुरू हुआ इस जरनी का दूसरा पडाव,जो अपने साथ लेकर आया क्वीन ओफ क्वोट का प्यारा सा खिताब.( 6).और माइक्रोफेबल सेक्शन में as a volunteer काम करने का मौका, धीरे धीरे ये कारंवा ५० क्वोट कम्पलीशन से होते हुए आज १००..क्वोट पर जा पहुंचा ..!


इस यात्रा मेंजो साथी मिले..उनका जिक्र भी जरूरी है,वैसे तो फेसबुक के बहुत से पुराने मित्र मुझे यहां मिलें, उसके अलावा कुछ एकदम नये और अद्भुत लोगो से परिचय हुआ, वृंदा मैम, सेम, शुभांगिनी जी, शुभा, चारू और भी बहुत. ..।

इन सबसे मिलना भी अपने आप में अनूठा अनुभव है. ..इस तरह ये कारवां एक दूसरे से सीखते सिखाते आगे बढ रहा है.. ।



मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर.. 

लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया..!! 


थैंक्यू..!

मैं सोनू लाम्बा आपको बता रही थी, माई जरनी विद पेपरविफ...!


©sonnu Lamba 

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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Namrata Pandey · 3 years ago last edited 3 years ago

    ऐसे ही आगे बढ़ते रहो

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद @namrata ji

  • Shubhangani Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Sunder

  • Aradhana Singh · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bhut organised tarike se likha.. 💌♥️ Happy journey Dear💌

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    थैंक्यू डीयर, वही है जो विडियो में बोला था

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