उस रोज मैं बहुत निराश था ,हूं भी क्यूं ना ...जिंदगी की परीक्षाएं कभी समाप्त होने का नाम ही नही लेती थी ,अच्छी खासी डिग्रियां लेकर भी एक अदद नौकरी के लिए सडको की धूल फांक रहा था ,कईं दिनो से ...गर्मी और ऊपर से उमस भरी डी टी सी की बसें ...।
आज अगर इस इन्टरव्यू में नही हुआ ना .."
तो क्या हो जायेगा .."
दूसरा देना पडेगा ..और कौन सा तीर मार लेगा..क्या पंखे पर लटकेगा .. मर जायेगा क्या ..?
और नही तो क्या ..जीया भी तो नही जा रहा ना ,नौकरी के बिना ..हर चीज के लिए पैसा चाहिए ..वो भी नही ..और घरवाले जो रोज पूछते है उम्मीद से ,क्या रहा बेटा ...?
मन करता है जोर से बोलूं ...नही हुआ कुछ ..धक्के खाता हूं धूल पीता हूं ,सडको की ..."
लेकिन नही बोल पाता ...सारे शब्द हलक में ही फंसे रह जाते हैं और औपचारिक शब्द निकलते है ,हो जायेगा पापा ..अभी कुछ रिजल्ट पेंडिग है .."
जिंदगी ...माई फुट "
खुद ही से बात करता हुआ रोहन ,बेखुदी में बस में,चढ गया और धम्म से सामने जो खाली सीट थी उस पर जा गिरा और राहत की सांस ली ..चलो आज सीट तो मिली .."
तभी खिडकी से आती हवा के झोंके ने उसका ध्यान खींचा तो देखा ..उसी सीट पर पहले से एक खूबसूरत सी लडकी बैठी है ..अब वो,थोडा कोन्शस होकर सलीके से बैठा .."
आपको कहां जाना है ..औपचारिक बाते शुरू हुई .."
थोडी ही बात हुई थी कि लडकी ने कहा .."
इतने निगेटिव मत होईये .."
एक गहरी सांस लिजीए और एक बार सोचिए ..सब अच्छा है ,धीरे धीरे ही सही चीजे व्यवस्थित हो रही हैं .."
"आल इज वैल .."
नही .."
"मुझसे नही होता .."
आप जानती ही कितना हैं ,मेरा संघर्ष ..
हां ..आपका संघर्ष नही जानती ,लेकिन संघर्ष तो जानती हूं..ऐसा कौन है इस दुनिया में भला ..जिसको संघर्ष ना पता हो .."
जी ...क्या बोली आप .."
बिल्कुल वही ..जो आपने सुना .."
मेरा स्टाप,आने वाला है ,आपके आज के इंटरव्यू के लिए" गुड लक"..
आज हो जायेगा आपका ..."
लेकिन ...वो गहरी सांस ..याद रखियेगा ..कहती हुई वो मुस्कुराती हुई बस से उतर गयी और मैं आत्ममुग्ध सा उसे देखता रह गया.."
अरे ..अरे ..नाम तो बताती जाओ .."
शब्द मेरे ..गले में ही रह गये ..वो आंखो से ओझल हो चुकी थी ..।
कितना डम्प हूं मैं..अपनी ही दुविधाओं को गाता रहा ,उसके सामने और उससे कुछ ना पूछा ..कौन हैं ..कहां रहती है..अरे छोडो ..नाम तक तो पूछा नही गया,तुमसे डफर कहीं के ...सोचकर अपने ही सर पर एक चपत लगायी .."
ऐनीवेज ..अब स्टाप आने वाला है,
अपनी फाइलस वगैरा सही कर लूं .."
इंटरव्यू के लिए वेट करते हुए ,जब भी उस बस वाली लडकी का ख्याल आता वो मुस्कुरा उठता और गहरी सांस लेकर बोलता आल इज वैल .."
ऐसे ही उसने अपना इंटरव्यू पूरा किया .."
और बाहर आकर वेट करने लगा कि क्या रिप्लाई आयेगा ..अभी कुछ केंडिडेट रह भी रहे थे .."
लेकिन आज वो नौकरी के बारे में नही ..बस वाली लडकी के बारे में सोच रहा था .. उसकी बाते उसके कानो में खनक रही थी अभी भी .."
तभी रिसेस्पेशन से कॉल हुयी .."
मिस्टर रोहन ..आपका सैलक्शन हो गया है .."
आप एच आर डिपार्टमेंट में जाकर जरूरी पोइंटस डिस्कस कर लिजीए ,वहीं आपका अपोंइटमेंट लैटर मिल जायेगा .."
उसे अपने कानो पर विश्वास नही हो रहा था .."
आज ये खबर वो सबसे पहले उस अजनबी लडकी को बताना चाहता था ..लेकिन वो तो उसके लिए एक पहेली थी अब, ..ना नाम पता ,ना फोन नम्बर .."
सोचते हुए ..वो एच आर डिपार्टमेंट की ओर बढ गया ..।।
©® sonnu lamba 🌻
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