शब्दों में खेती

जैसा बोईये ...वैसा काट लिजीए ,पुरानी कहावत है ,तो फिर बोनें पर ध्यान देना जरूरी है ,कि नहीं ..!!

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 23 Aug, 2021 | 1 min read
Life Farming Sabdokibkheti Seeds

* पूरी दुनिया में उम्मीद का पौधा संभावनाओं के बीज़ से ही उगता है ..!


* बीज़ से अंकुर निकलने की प्रक्रिया में कितना दर्द होता है ये मां ही जानती है ,चाहे वो हमारी मां हो या धरती मां ..!!


* विचार भी बीज़ ही है और उनसे रची जाने वाली कविता , कहानी ,गीत ...नन्ही पौध ,पेड़ ,और फूल..!!


* कितनी खूबसूरत बात है , हम फल खाने को पेड़ लगाते हैं और वे हमको साथ में नन्हे पौधो का उपहार भी देते हैं ,बीजों के रूप में ..!


* बीजों को एक बार ठहर कर निहार लिजिए और फिर बोईये , जल्दबाजी और अधीरता में गलत बीज बो दिया तो पौधा देखकर ही पता चलेगा गलती हो चुकी है ।


*हमेशा याद रखिए खरपतवार को कभी बोना नहीं पडता , जबकि जो फसल चाहिए उसको उगानें के लिए पर्याप्त प्रयास करने होते हैं ।


और आखिरी में मेरी एक कविता से कुछ लाइनें....!



*मिट्टी में रोपे गये बीज 

कभी जाया नही होते

वे अंकुरित जरूर होते हैं

कभी ना कभी...

उचित समय और वातावरण पाकर..।।


©sonnu Lamba

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