"नो मीन्स नो.."

स्टोप रेप... कुछ व्यवाहरिक समाधान..!

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 07 Oct, 2020 | 1 min read
Stop it Crime Legal issues Abuse

Stop rape..? 

कैसे..? 

ऐसी सजा मिले कि, बाकियों का देखकर कलेजा कांप जाए । ये कानून बने,वो कानून बने, पुलिस प्रशासन इतना सख्त हो, कि कोई किसी को नजर भर के ना देख सके..।

हां... होना चाहिए... सब होना चाहिए, और हो भी रहा है, कानून बनें है, सजाएं भी मिल रही हैं, फास्ट ट्रैक कोर्ट बैठ रहे हैं, ऐसे मुकदमो के लिए.. । जनरल ऐवयरनेस भी डवलप हो ही रहा है, लोगो में आक्रोश भी है, फिर भी ये घटनाएं बंद नही होती, सालो साल से ये यूं ही चला आ रहा है ये सब , नही बंद होता..? 

रेप, अपराध की श्रेणी में सबसे जघन्य अपराध है, ऐसा अपराध जो किसी भी समाज में स्वीकार्य नही है, लेकिन सभ्यता में सबसे उच्च कहे जाने वाली मानव जाति में ये राक्षसी कर्म चल रहा है..। और इतना चल रहा है कि हमको इस पर बार बार विचार करना पड़ता रहा है, कैसे..? 

कैसे... रूके..? 


कारण... 

लम्बी सामाजिक प्रक्रिया की जड में छिपें है, उस सामाजिक मानसिकता के मूल में छिपे हैं, जहां औरत के कन्सेट का कोई मूल्य ही नही है, उसकी " ना" को ना, नही समझा जाता..। उसको भोग्या समझा जाता रहा है, 

कितनी अजीब बात है ये. .? स्त्री को देह से ऊपर होकर देखा ही नही जाता है.।

इसलिए उसके साथ कुछ भी किया जा सकता है.. ।


बस... इसी को रोकना है..। रोकना है इस कुत्सित मानसिकता को, जो किसी को सिर्फ अपने मनोरंजन के लिए नष्ट कर दे, रोकना है आए दिन समाज में उछलती उन बातो,, उन गालियों को जो औरतो के नाम पर बनी है और जिनमे सेक्सुअल ऐब्यूज जैसे शब्द ही छिपे हैं..। रोकना है इस तरह की फिल्मों को जो इन चीजो को बढ़ावा देती हैं.। 


•फिर क्या करें.. चलिए विचार करते हैं :-


* घर से ही शुरू करें.. अपने लडको के मन में ये बैठायें कि लडकियां बिल्कुल आपके जैसी हैं.. उनकी हां और ना का वही मतलब है जो तुम्हारी, उनके कपडे छोटे बडे होने से किसी को कोई फर्क नही पडना चाहिए..। 


* बेटियों को पढायें लिखायें, आत्मनिर्भर बनाये और हर संभव डिफेंस मैक्निजम सिखायें और विपरीत परिस्थितियों में आत्मविश्वास ना खोये, ऐसी शिक्षा उन्हे दें, बचपन से ही कोई उन्हे हर्ट करता है तो, उसको सबके सामने बतायें, डरे या सहमें नही. .।


*कानून की जानकारी सबको हो, ताकि अपराध करने वाले करने से पहले सोच सके, कि अगर इस हद तक गिरा तो किस हद तक भुगतना होगा. .।


*अपराधी का चेहरा कभी ना छुपायें, उसे शर्मसार किया जायें, ताकि सामाजिक दबाब दूसरो पर पडे कि ऐसा हो तो कैसा होता है. .।


* आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा को भी पाठयक्रम में शामिल किया जाये ताकि मानवता में सभी को भरोसा हो. .।


* माता पिता समय समय पर अपने बच्चों से उनकी उम्र के हिसाब से सैक्सुअल इशूज पर बात करें, सैक्स एजुकेशन उन्हें दें, ताकि कच्ची पक्की आधी अधूरी जानकारी के साथ वे गलत कदम ना उठायें..। 


उपरोक्त कुछ व्यवाहरिक और सामान्य समाधान हैं, बाकी परिस्थितिजन्य समाधान भी होते हैं, जो किन्हीं विशेष परिस्थितियों में किये जा सकते हैं. ..।


बाकी किसी भी समाज में रेप जैसी घिनौनी चीजो के लिए स्थान नही होना चाहिए,नही.. मतलब नही होना चाहिए..। 

    "नो मीन्स नो..."।।


©®sonnu Lamba 


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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • R.Goldenink · 5 years ago last edited 5 years ago

    True.....??

  • Sonnu Lamba · 5 years ago last edited 5 years ago

    थैंक्यू

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