एहसास।

कुछ खट्टे मीठे, कुछ बेस्वाद, कुछ बनके सपने, मन की तारों को झंकृत करते हैं

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 21 Sep, 2020 | 1 min read
Hindipoetry Emotions #thoughts

एहसासों के समंदर में गहराई में झांको

तो छिपे मिलेंगे सीप अनेक

अद्भुत, कीमती

कुछ रंग बिरंगे

कुछ बेरंग

कुछ खट्टे मीठे, कुछ बेस्वाद,

कुछ बनके सपने, मन की तारों को झंकृत करते हैं

कुछ घुटे-दबे अरमान, दिल की दीवारों को खरोंचते हैं

कुछ यादों का रूप ले जिंदगी में महक भरते हैं

कुछ जज़्बात बनकर, बाहर निकलने का ज़रिया ढूंढते हैं

कुछ बनकर मोती, आंखों से बह जाने को आतुर 

कुछ बनकर स्याही, कागज़ पर अपना ग़म बोल जाते हैं

कुछ घुलकर हंसी में, होंठों पर बन मुस्कान बिखर जाते हैं

भावनाएं, इच्छाएं और कुछ महत्त्वाकांक्षाएं

एहसास कहो या कहो जज़्बात

हंसी, खुशी, दुख और सुख

इनके मेल से ही बने जीवन का आधार।

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