दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।

बचपन जिन संग बीता उन दोस्तों का साथ दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 12 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems #soniamadaan Memories Childhood

वो बेफिक्री से भरा बचपन, वो गलियां, वो अल्हड़पन

वो गर्मी की दोपहर और मस्ती वाली शामें

पार्को में झूलना भाई बहनों का हाथ थामे

दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।


जब जी चाहे सो जाना, मीठे सपनों में खो जाना

वो मां के बनाए खाने का अमृत सा स्वाद, 

बचपन जिन संग बीता उन दोस्तों का साथ

दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।


वह किताबों से भरे बैग उठाकर स्कूल जाना

जिन से कंधे कभी झुके नहीं,

बारिश हो या जाड़ा स्कूल जाते हुए कदम रुके नहीं

दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।


टीचर की डांट पर अंदर ही अंदर हंस जाना

बड़ों की मार को भी दिल से ना लगाना

दोस्तों संग कभी न खत्म होने वाली बातें और शरारतें

दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।


जिंदगी में कुछ बनने, कुछ पाने की चाह में

उन यादों और किस्सों भरे अपने अनमोल सफर 

को पीछे ही भूल आए हैं

दिल फिर से उन राहों से गुजरना चाहता है।


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