प्यार की बारिश

प्यार एक एहसास हैं किसी भी मोड़ पर हो सकता हैं

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Smriti Jadia
Smriti Jadia 17 May, 2020 | 1 min read

रिश्तो की डोर जितनी पुरानी हो उतनी ही उनमें मजबूती और ताजगी होती चली जाती है । बस सिर्फ उसमें प्यार का पानी समय समय पर पड़ता रहे ..
.हां पानी वो भी प्यार का ...

जैसा सुधा और रोहन  का रिश्ता महकता और चहकता  है । आज भी शादी के 45 साल बाद भी । ऐसा नहीं है इन दोनों में कभी मन मुटाव नहीं हुआ कभी झगडा नहीं हुआ पर ये सब उनके रिश्ते पर हावी नहीं हो पाया कभी सुधा झुक जाती कभी रोहन झुक जाता । आज अपनी 45 वीं सालगिरा के मोके पर रोहन ने बड़ी पार्टी दी जिसकी तैयारी भी खूब की है। आज सुबह से ही ठंडी ठंडी हवाएँ चल रही है। सुधा सुबह अपनी चाय बना के बालकनी में आ गयी थोड़ी देर में  ही जोर से बारिश शुरु हो गयी..।

बारिश का मौसम आते ही हवा में एक ताजगी आ जाती है। सूखी पडे पेड़ो में  नई जान आ जाती है। कई रिश्तो की मेहक ताजा हो जाती है। कुछ भूली बिसरी यादे झरोखा बनके बहने लगते है।

ऐसी ही यादो में  सुधा खोई हुयी थी ।

.... जब रोहन अपने परिवार के साथ सुधा को देखने आया था

जल्दी करो लड़के वाले आते ही होगे । सुधा बेटा तू जाकर तैयार हो जा सुधा के बड़े भाई ने बोला ।

भैया मैं तो तैयार हूँ और कितना तैयार हूँ अरे ये क्या सूट पहना है जाके बदल

भैया मैं बोल देती हूँ लड़का अगर मुझे पसंद होगा तभी हाँ बोलूगी .. पगली तू ना बोल ही नही पाएगी तेरी पसंद पता है मुझे

रोहन और उसके पापा मम्मी बहन ये सब सुधा को देखने आये थे । रोहन बहुत शांत , समझदार ,सुलझा हुआ लड़का था और सुधा थोड़ी सी चंचल , जिद्दी , थोड़ी सी गुस्से वाली पर समझदार भी ।

पहली नजर में ही सुधा सबको पसंद आ गयी रोहन भी सुधा की सादगी पर फ़िदा हो गया और सुधा ने भी हाँ बोल दिया 15 दिन में दोनों की शादी भी हो गयी

सुधा रोहन को पसंद करती थी रोहन उसका इतना ध्यान जो रखता था पर उसे यही लगता की ये प्यार नहीं है।

बारिश का मौसम था रोहन सुधा को पहली बार बाहर  ले गया था .....जब वो लोग बहार जा रहे थे तो मौसम शांत था.....दोनों ऐसे ही पैदल चल रहे थे।

..........थे तो दोनों साथ में पर अजनबियों की तरह अचानक ही तेज बारिश होने लगी दूर-दूर तक रुकने के लिए कुछ दिख नहीं रहा था।

सुधा एक पेड़ के नीचे छिपने जा रही थी की तभी रोहन ने उसका हाथ पकड़ लिया....

रुको ना मुझे बारिश बहुत पसंद है रोहन ने सुधा से बोला ... सुधा के रोम -रोम मैं एक तरंग सी दौड गयी.. और वो कब रोहन के प्यार में भीग गयी उसे ही पता नहीं चला ...।

तेज बारिश के छीटो से सुधा यादो से वापस आई

एक प्यारी से हँसी थी उसके होठो पे ......


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