Smita Saksena
Smita Saksena 03 Dec, 2020
झिलमिल करते ख्वाब...
ये लम्हा, ये वक्त बस उंगलियां थामे ना जाने कहाँ ले कर चला है मुझे जैसे झिलमिल करते ख्वाबों की ओर मैं भी चल दी हूँ थामे उम्मीद की डोर.... स्मिता सक्सेना

Paperwiff

by smita saksenal58p

03 Dec, 2020

उम्मीद की डोर

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