भारतीय किसान।

किसानों की स्थिति बद से बदतर होती चली जाती है। अगर कुछ तत्काल नहीं किया जाता है, तो बचाने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा।

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Shakeb
Shakeb 05 Dec, 2019 | 1 min read

किसानों को बहुत सम्मान दिया जाता है और हमारे देश में कृषि को एक महान पेशा माना जाता है। इस तर्क के अनुसार, भारतीय किसानों को एक खुशहाल और समृद्ध समूह होना चाहिए, लेकिन विडंबना यह है कि वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है।

यही कारण है कि किसान के बच्चे माता-पिता के रूप में अभ्यास नहीं करना चाहते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग दो हजार पांच सौ किसान रोजी-रोटी की तलाश में हर दिन खेती छोड़कर शहरों की ओर पलायन करते हैं। यदि यह चलन जारी रहा, तो एक समय आ सकता है जब किसान नहीं रहे और हमारा देश "खाद्य अधिशेष" से गुजर जाएगा, जो अब हम "भोजन में कमी" कर रहे हैं।

मैंने सोचा था कि जब कमोडिटी की कीमतें बढ़ती हैं, तो किसान को लाभ होता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकांश पैसा बिचौलियों द्वारा जब्त किया जाता है। अतः किसान हमेशा हारा हुआ है। जब एक उत्कृष्ट फसल होती है, तो उत्पादों की कीमत कम हो जाती है और कई बार आपको अपने उत्पादों को सरकार या बिचौलियों को डिस्पोजेबल मूल्य पर बेचना पड़ता है और जब सूखा या बाढ़ आती है, तो हम सभी जानते हैं कि उत्पाद का क्या होता है। गरीब किसान

किसानों की स्थिति बद से बदतर होती चली जाती है। अगर कुछ तत्काल नहीं किया जाता है, तो बचाने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा।

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