बीत जायेगी संघर्ष की ये रात भी |
गम को देगी हंसी इक दिन मात भी ||
यूं न घबरा जहां के सितम देखकर |
कल आयेगी खुशियों की बारात भी ||
वक्त भर देता इक दिन हर जख्म को |
मिट जायेगें मन के ये आघात भी ||
कर ले खुद पर यकीं ,चलता ही जा |
हौंसलो की तु कर ले जरा बात भी ||
मुस्कराने का कोई बहाना ढूंढ़ लेना |
दिल के समझ "सृजिता" जज्बात भी ||
-सीमा शर्मा " सृजिता "
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.