दस्तूर

हिन्दी गजल

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 18 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Gazal



चाहतों का सनम कैसा दस्तूर है |

पास होकर भी तु कितना दूर है ||


है इश्क़े -जुनून हद से ज्यादा, मगर |

मैं भी मजबूर हूं तु भी मजबूर है ||


धड़कनों पे हुआ तेरा पहरा सनम |

प्यार में तेरे ये दिल बडा़ मगरूर है ||


निगाहें तरसती तेरी एक झलक को |

तेरी चाहत का छाया यूं सुरूर है ||


जुदाई का आलम सहा अब न जाये |

तेरी आशिकी में दिल हुआ यूं चूर है ||


मुझे है इश्क तुझसे हमेशा रहेगा |

तु है मिरा दिल को ये गुरूर है ||


बडी़ मशक्कत से तराशा जो 'सीमा'

मिरा जानेवफा, तु वो कोहिनूर है ||


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Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

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