रूठा रूठा सा मन है...

Love poetry

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 04 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Love

रूठा रूठा सा मन है मना ले मुझे |

अपनी बाहों में फिर से छुपा ले मुझे |


आंख में यूं तो आंसू भरे हमसफर

मन है हंसने का फिर से हंसा ले मुझे |


तेरी आगोश में ही सुकून -ए-सनम |

आकर अपने गले से लगा ले मुझे ||


टूटता जा रहा दिल तिरी बेरूखी से |

तु है साथ हरदम समझा ले मुझे ||


तिरी इक खुशी के लिए मिट हम चुके 

कम से कम पूछ ले दिल -हाले मुझे ||


तु ही उदासियों में डूबो देगा मुझको 

कौन आकर के फिर संभाले मुझे ||


नजदीक आ और बन जा मिरा 

अपनी रूह में तु समा ले मुझे ||


तेरे बिन जाने-जाना मैं कुछ भी नहीं 

अपनी धड़कनों में बसा ले मुझे ||


रोम- रोम में 'सृजिता' खुशबु -ए-सनम 

बनाके अपना फिर महका ले मुझे ||


सीमा शर्मा " सृजिता"


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Seema sharma Srijita

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