सुन कभी ऐ तकदीर मेरी

सुन कभी ऐ तकदीर मेरी

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 05 Apr, 2024 | 1 min read
#my_pen_my_strength

कमियों को मेरी, अब उलाहने सरेआम न दे,

तूने भी चुना था मुझे, सिर्फ़ मुझे इल्ज़ाम न दे,


हो रहा हूँ बर्बाद मैं, तेरे बताए रास्ते पर चलकर,

बेचारगी ही दिखे, इस सफ़र को वो आयाम न दे,


माना कि ख़्वाब सजाना, तुझसे ही सीखा है मैंने,

दिल को चुभें जो ताउम्र, उन टुकड़ों का इनाम न दे,


न कुछ आस लगाई तूझसे साथ निभाने के अलावा,

नाराज़गी में मत ले फ़ैसले इस रिश्ते को क़याम न दे,


सौ हार पर, एक जीत तो मेरे के नाम कर, ऐ तक़दीर,

ज़ख्मी रूह को “साकेत" के, भले कभी आराम न दे।


BY :— © Saket Ranjan Shukla

IG :— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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