तुझे याद करते-करते

तुझे याद करते-करते

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 04 Oct, 2021 | 1 min read

याद आई जो आज एक याद, तुझे याद करते-करते,

रूह की भी निकली फ़िर आह, तुझे याद करते-करते,


ख़ुश थे, तुझे भुलाके हम अपनी तन्हाई के आग़ोश में,

धधकी फ़िर वीराने दिल में आग, तुझे याद करते-करते,


न चाहा था कि इस अंज़ाम से कभी फ़िर से गुजरेंगे हम,

मगर यही मंज़िल, यही रही है राह, तुझे याद करते-करते,


है कमाल का मंज़र ये, मैं मेरा हूँ मगर मेरा मैं कुछ भी नहीं,

बर्बाद की मैंने तुझे चाहकर हर चाह, तुझे याद करते-करते,


है इम्तहान कोई बाक़ी “साकेत", जो मैं हूँ मुझमें बाक़ी कहीं,

वरना पूछ! हुआ हूँ कैसे मैं मुझमें ख़ाक़, तुझे याद करते करते।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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